पुतिन-जेलेंस्की को एक मंच पर लाने की तैयारी, क्या है राष्ट्रपति ट्रंप का प्लान? वॉशिंगटन हाउस ने बताया पूरा प्लान
डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के प्रयास में पुतिन और जेलेंस्की को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पुतिन से बातचीत की और शांति तथा आर्थिक संबंधों पर चर्चा हुई. यह पहल युद्धविराम के बाद एक नई उम्मीद जगाती है कि वार्ता सफल हो सकती है.

Russia Ukraine peace talks: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को एक साथ बातचीत के लिए लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में पुतिन से टेलीफोन पर चर्चा की, जिसमें मध्य पूर्व में शांति स्थापना और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के अवसरों पर बातचीत हुई. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप इस वार्ता को संभव बनाने के लिए गंभीरता से प्रयासरत हैं और वे दोनों नेताओं को एक मंच पर लाने की संभावना पर विचार कर रहे हैं.
ट्रंप-पुतिन बातचीत में मध्य पूर्व शांति पर जोर
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस बातचीत को सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि पुतिन ने अमेरिका की मध्य पूर्व में शांति स्थापना की उपलब्धियों की प्रशंसा की. ट्रंप ने कहा कि पुतिन ने उन्हें और अमेरिका को इस क्षेत्र में हासिल किए गए ऐतिहासिक शांति समझौतों के लिए बधाई दी. इसके अलावा, ट्रंप ने उम्मीद जताई कि मध्य पूर्व में हासिल यह सफलता रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की दिशा में भी सहायक होगी.
युद्ध के बाद आर्थिक संबंधों पर भी हुई चर्चा
वार्ता में केवल युद्ध समाप्ति ही नहीं, बल्कि उसके बाद रूस और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को पुनः स्थापित करने पर भी चर्चा हुई. ट्रंप ने बताया कि इस विषय पर दोनों पक्षों ने लंबी बातचीत की. उन्होंने पुष्टि की कि रूस और अमेरिका के उच्च-स्तरीय अधिकारी अगले सप्ताह बैठक करेंगे, जिसमें अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अन्य प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बैठक का स्थान अभी निर्धारित किया जाना है. इसके साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा कि वे पुतिन से हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आमने-सामने मुलाकात करेंगे.
शांति प्रयासों की राह में चुनौतियां
रूस ने यूक्रेन के डोनबास और क्रीमिया क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए सैन्य अभियान शुरू किया, जिसे रूस ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ कहता है, जबकि यूक्रेन इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मानता है. इस युद्ध ने हजारों लोगों की जान ली है, लाखों को विस्थापित किया है और वैश्विक ऊर्जा एवं खाद्य आपूर्ति को प्रभावित किया है. अमेरिका और नाटो ने यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान की है, जबकि रूस ने इसे कठोर आलोचना का विषय माना है. कई बार शांति वार्ता शुरू हुई लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. अब गाजा में युद्धविराम के बाद उठ रही यह पहल एक नई उम्मीद जगाती है कि कहीं यह प्रयास सफल हो और इस लंबे संघर्ष को समाप्ति की दिशा मिले.


