लाहौर में फहराएंगे सफेद झंडा...तालिबान ने जारी किया ग्रेटर अफगानिस्तान का नक्शा, पाकिस्तान के कई हिस्सों को किया शामिल

तालिबान ने ‘ग्रेटर अफगानिस्तान’ का विवादित नक्शा जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान के कई हिस्सों को अफगानिस्तान में दिखाया गया है. डूरंड लाइन विवाद पर दोनों देशों में झड़पें बढ़ी हैं. तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी, जिससे तनाव गहरा गया है और क्षेत्रीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ती तनातनी अब नए स्तर पर पहुंच गई है. अफगान तालिबान ने हाल ही में ‘ग्रेटर अफगानिस्तान’ का एक विवादित नक्शा जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान के कई हिस्सों को अफगानिस्तान का हिस्सा बताया गया है. इस नक्शे में खासतौर पर खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और अन्य पश्तून बहुल क्षेत्रों को अफगानिस्तान के भीतर दिखाया गया है.

क्या है विवाद की जड़?

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है. दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन नाम की यह सीमा 1893 में ब्रिटिश शासन के दौरान तय की गई थी. हालांकि, तालिबान कभी भी इस रेखा को आधिकारिक सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता.

अफगान सरकार का कहना है कि डूरंड लाइन ने पश्तून जनजातियों को जबरन दो देशों में बांट दिया, इसलिए यह अफगान पहचान के खिलाफ है. हाल के महीनों में इसी सीमा क्षेत्र में गोलीबारी और झड़पों में तेजी आई है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं.

खोस्त में ‘ग्रेटर अफगानिस्तान’ का नक्शा हुआ भेंट

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में आयोजित एक कार्यक्रम में तालिबान के उप गृह मंत्री मोहम्मद नबी ओमारी को यह विवादित नक्शा भेंट किया गया. इस नक्शे में पाकिस्तान के बड़े हिस्से को अफगानिस्तान में शामिल दिखाया गया है. समारोह में इसे “राष्ट्रीय गौरव” का प्रतीक बताया गया.

खोस्त तकनीकी और व्यावसायिक संस्थान के स्नातक समारोह के दौरान यह नक्शा पेश किया गया, जहां कई 18 साल से कम उम्र के बच्चे सैन्य वर्दी में मौजूद थे. कार्यक्रम के मंच पर तालिबान के झंडे और राष्ट्रवादी नारों की भरमार रही.

तालिबान की पाकिस्तान को खुली चेतावनी

समारोह के दौरान उप गृह मंत्री ओमारी ने अपने भाषण में इस्लामाबाद को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर एक और युद्ध थोपा, तो हम उसी तरह जवाब देंगे, जैसे हमने सोवियत संघ और अमेरिका को हराया था. तालिबान नेताओं ने पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों और अफगान क्षेत्र में दखल का आरोप लगाया है.

तालिबान की चेतावनी यहीं खत्म नहीं हुई. खोस्त में आयोजित सैन्य परेड के दौरान अफगान लड़ाकों ने देशभक्ति गीतों पर मार्च किया, जिनमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी भाषा का इस्तेमाल किया गया. एक गीत में कहा गया, “हम लाहौर में सफेद झंडा फहराएंगे और इस्लामाबाद को जला देंगे.” इस गाने के वायरल होने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों में तनाव और बढ़ गया है.

तनावपूर्ण दौर में बढ़ती दूरी

तालिबान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पहले से ही खराब चल रहे हैं. पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान उसकी सीमा पर सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है. वहीं, तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.

विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्रेटर अफगानिस्तान का यह नक्शा सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि क्षेत्रीय दबदबा दिखाने की कोशिश है. इससे दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ सकती है और भारत सहित पड़ोसी देशों के लिए भी नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं.

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच यह तनाव इस बात की याद दिलाता है कि डूरंड लाइन का विवाद केवल सीमा का नहीं, बल्कि पहचान, संस्कृति और सत्ता का भी सवाल है, जो फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा.

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03 November 2025, 11:18 AM IST

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