पुतिन के साथ बैठक से पहले ट्रंप को क्यों आई भारत की याद? जानें क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति
अलास्का में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बैठक बेनतीजा रही, लेकिन भारत का नाम लगातार चर्चा में रहा. ट्रंप ने कहा रूस ने भारत जैसा बड़ा ग्राहक खो दिया, जबकि भारत पर 50% आयात शुल्क लगाने का एलान किया, जिससे उसकी वैश्विक भूमिका और रणनीतिक महत्व और स्पष्ट हो गया.

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा. इस बैठक के पहले और बाद में जिस देश का सबसे ज्यादा जिक्र हुआ, वह था भारत. पुतिन ने बैठक से पहले ही कहा था कि वैश्विक मुद्दों को सुलझाने में भारत की अहम भूमिका रहती है. वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने भी बातचीत से पहले यह बयान दिया कि रूस ने अपना एक अहम क्लाइंट खो दिया है और वह है भारत.
तीन घंटे लंबी बातचीत रही बेनतीजा
अलास्का के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर शुक्रवार को दोनों राष्ट्राध्यक्ष करीब तीन घंटे तक आमने-सामने बैठे. बैठक के बाद ट्रंप ने इसे प्रोडक्टिव यानी सकारात्मक करार दिया, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि यूक्रेन संकट को लेकर कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है. पुतिन और ट्रंप दोनों ने उम्मीद जताई कि भविष्य में वार्ता जारी रह सकती है, लेकिन तत्काल किसी डील की संभावना नहीं दिखी.
भारत को लेकर ट्रंप का बयान
अलास्का रवाना होने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया था कि वह इस बैठक में कोई आर्थिक समझौता नहीं करने वाले हैं. उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस ने एक बड़ा ग्राहक खो दिया है. ट्रंप ने बताया कि भारत रूस से पहले लगभग 40 फीसदी तेल की खरीद करता था. भारत की इस खरीदारी में कमी आने से रूस को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन अब रूस से काफी तेल खरीद रहा है और अगर अमेरिका उस पर सेकेंड्री टैरिफ लगाता है, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. उनका इशारा यह था कि रूस और चीन की नजदीकी अमेरिका के लिए चुनौती बन सकती है.
भारत पर बढ़ाए गए आयात शुल्क
ट्रंप का भारत को लेकर रुख हाल के दिनों में सख्त दिखाई दिया है. उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदकर वैश्विक हालात को जटिल बना रहा है और इसके लिए उसे कीमत चुकानी होगी. इसी क्रम में उन्होंने भारत पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया. इनमें से आधे शुल्क पहले ही लागू हो चुके हैं, जबकि शेष 27 अगस्त से लागू किए जाएंगे.
भारत की भूमिका पर वैश्विक नजर
अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव और यूक्रेन युद्ध के बीच भारत का नाम बार-बार लिया जाना यह दर्शाता है कि भारत की भूमिका वैश्विक राजनीति में कितनी अहम हो चुकी है. रूस और अमेरिका दोनों ही भारत के ऊर्जा बाज़ार और सामरिक महत्व को समझते हैं. यही कारण है कि अलास्का में हुई यह उच्च-स्तरीय वार्ता भारत का ज़िक्र किए बिना अधूरी सी लग रही थी.


