कंबोडिया से थाईलैंड करेगी सीजफायर? 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है. भारी गोलाबारी के बीच थाईलैंड ने आठ जिलों में मार्शल लॉ लगाया. अब तक 15 लोगों की मौत हुई है और 1.3 लाख से अधिक नागरिकों को निकाला गया है. अमेरिका, चीन और मलेशिया ने मध्यस्थता की पेशकश की है, लेकिन थाईलैंड द्विपक्षीय वार्ता पर अडिग है.

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने शुक्रवार को गंभीर मोड़ ले लिया, जब दोनों देशों के बीच भारी गोलाबारी जारी रही. इसी बीच थाईलैंड ने अपनी सीमा से सटे आठ जिलों में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की. यह कदम थाई सेना की सीमा रक्षा कमान के कमांडर अपिचार्ट सैप्रासर्ट द्वारा जारी बयान में सामने आया, जिसमें उन्होंने बताया कि चंथाबुरी प्रांत के सात और ट्राट प्रांत के एक जिले में यह विशेष कानून लागू कर दिया गया है.
कंबोडिया पर बल प्रयोग का आरोप
थाई सैन्य अधिकारी अपिचार्ट ने आरोप लगाया कि कंबोडिया की ओर से जबरन थाई क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश की गई, जिससे यह कठोर निर्णय लेना पड़ा. यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया जब थाई सरकार ने कुछ ही घंटे पहले कहा था कि वह सीमा विवाद को सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की बजाय द्विपक्षीय बातचीत को प्राथमिकता देती है.
थाई प्रधानमंत्री की चेतावनी
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कहा, "हमने हमेशा समझौते की कोशिश की, लेकिन अब हमने सेना को निर्देश दिया है कि यदि ज़रूरत पड़ी तो तुरंत कार्रवाई करे." उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह संघर्ष "युद्ध में तब्दील हो सकता है" और इसे इस समय एक “भारी हथियारों से सुसज्जित सशस्त्र संघर्ष” के रूप में देखा जा रहा है.
कंबोडिया की प्रतिक्रिया
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि उनका देश युद्धविराम के लिए तैयार है. हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि थाईलैंड मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम द्वारा कराए गए समझौते से पीछे हट रहा है. यह युद्धविराम शुक्रवार सुबह से लागू होना था.
मानव क्षति और नागरिकों का पलायन
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह संघर्ष पिछले एक दशक में सबसे घातक साबित हुआ है. इसमें अब तक कम से कम 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 36 से अधिक घायल हुए हैं. संघर्ष प्रभावित इलाकों से 1,30,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कंबोडिया के ओड्डार मीन्चे प्रांत में, जो संघर्ष का केंद्र है, वहां 260 स्कूल प्रभावित हुए हैं.
अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की पेशकश
अमेरिका, चीन और मलेशिया ने इस संकट को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा विवाद की जड़ में “पश्चिमी उपनिवेशवादियों की विरासत” को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि चीन शांति स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है.
थाईलैंड की स्पष्ट नीति
हालांकि थाईलैंड ने दोहराया कि वह किसी बाहरी मध्यस्थता से अधिक द्विपक्षीय वार्ता को महत्व देता है. विदेश उप मंत्री रस जलीचंद्र ने कहा, "हम बाहरी देशों की पहल का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता है कि हम कंबोडिया के साथ सीधे संवाद कर इस विवाद को सुलझाएं."


