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काश वह मर जाएं! यूक्रेनी राष्ट्रपति ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मांगी पुतिन की मौत

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जारी अपने एक वीडियो संदेश में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जारी अपने एक वीडियो संदेश में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किए गए इस संबोधन में ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस यूक्रेन पर चाहे जितने भी हमले कर ले, वह उन मूल्यों को नष्ट नहीं कर सकता जो यूक्रेनी लोगों के लिए सबसे अहम हैं. 

ज़ेलेंस्की का कड़ा बयान 

उन्होंने कहा कि यूक्रेनियों का दिल, आपसी भरोसा और राष्ट्रीय एकता ऐसी चीजें हैं जिन्हें किसी भी बमबारी से खत्म नहीं किया जा सकता. अपने भाषण में ज़ेलेंस्की ने पुतिन का नाम सीधे तौर पर लिए बिना एक कड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि आज यूक्रेन का हर नागरिक एक ही सपना देख रहा है और मन ही मन एक ही कामना कर रहा है कि काश वह मर जाएं. उनके शब्दों को रूस के राष्ट्रपति के प्रति तीखी प्रतिक्रिया के तौर पर देखा गया. हालांकि इसके बाद जेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेन की सबसे बड़ी इच्छा शांति है. 

उन्होंने कहा कि ईश्वर से उनकी असली प्रार्थना युद्ध के अंत और देश में स्थायी शांति के लिए है, जिसके लिए यूक्रेन संघर्ष भी कर रहा है और जिसे वह अपना अधिकार मानता है. ज़ेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है, जब क्रिसमस से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन पर मिसाइलों और ड्रोन से बड़े पैमाने पर हमले किए. इन हमलों में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई और कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. राष्ट्रपति ने इन हमलों को निर्दय बताते हुए कहा कि रूस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह त्योहारों के मौके पर भी हिंसा से पीछे नहीं हटता.

 ज़ेलेंस्की ने पत्रकारों को क्या जानकारी दी?

इसी दौरान ज़ेलेंस्की ने पत्रकारों को युद्ध समाप्त करने से जुड़ी एक 20 सूत्री योजना की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत यूक्रेन अपने पूर्वी औद्योगिक क्षेत्रों से सेना हटाने पर विचार कर सकता है, लेकिन इसकी शर्त यह होगी कि रूस भी वहां से अपनी सेनाएं वापस बुलाए. उनके अनुसार, इन क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में विसैन्यीकृत जोन बनाया जाना चाहिए.

यह बयान डोनबास क्षेत्र को लेकर किसी संभावित समझौते की ओर इशारा करता है, जो अब तक शांति वार्ताओं में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है. ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि ज़ापोरिज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के आसपास के इलाकों में भी इसी तरह की व्यवस्था पर विचार हो सकता है. उन्होंने दोहराया कि किसी भी शांति समझौते को यूक्रेन की जनता की मंजूरी के लिए जनमत संग्रह में रखा जाएगा.

वहीं रूस की ओर से अब तक यह संकेत नहीं मिला है कि वह कब्जे वाले इलाकों से पीछे हटने को तैयार है. इस बीच अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों से अलग-अलग बातचीत जारी है, हालांकि प्रस्तावित योजनाओं को लेकर यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगियों की चिंताएं बनी हुई हैं.

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25 December 2025, 06:21 PM IST

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