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लेकिन दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए...जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुनाया पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के हाजिर जवाबी का किस्सा

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी दूरदर्शी राजनीति के साथ-साथ तीक्ष्ण बुद्धि और सहज हास्य के लिए भी जाने जाते थे, जिनकी यादगार किस्सों को उनकी 101वीं जयंती पर राजनाथ सिंह ने साझा कर उनकी अनोखी विरासत को फिर से जीवंत किया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

लखनऊः पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक कुशल और दूरदर्शी राजनेता ही नहीं थे, बल्कि उनकी पहचान उनकी तेज बुद्धि, सहज हास्य और बेबाक अंदाज़ के लिए भी थी. उनकी 101वीं जयंती के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे जुड़ी कुछ यादगार घटनाओं को साझा किया, जो वाजपेयी के अनोखे हास्यबोध और राजनीतिक चातुर्य को उजागर करती हैं.

राजनीति में गंभीरता के साथ मुस्कान

अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व ऐसा था कि वे कठिन से कठिन राजनीतिक परिस्थितियों में भी हल्के अंदाज़ में बड़ी बात कह जाते थे. राजनाथ सिंह ने कहा कि वाजपेयी की यही खूबी उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाती थी. वे अपने शब्दों से न केवल माहौल हल्का कर देते थे, बल्कि सामने वाले को सोचने पर भी मजबूर कर देते थे.

लाहौर यात्रा के दौरान अनौखा प्रस्ताव 

फरवरी 1999 की ऐतिहासिक लाहौर बस यात्रा वाजपेयी के कार्यकाल का एक अहम अध्याय रही. इस यात्रा का उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु परीक्षणों के बाद बढ़े तनाव को कम करना था. इसी यात्रा के दौरान लाहौर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे.

राजनाथ सिंह ने इसी यात्रा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया. उन्होंने बताया कि वाजपेयी के भाषण से प्रभावित होकर एक अविवाहित पाकिस्तानी महिला ने उनसे शादी का प्रस्ताव रख दिया. महिला ने मजाकिया लहजे में कहा कि वह शादी के बदले कश्मीर चाहती है.

इस पर वाजपेयी ने जिस हाजिरजवाबी से जवाब दिया, वह आज भी लोगों को मुस्कुराने पर मजबूर कर देता है. उन्होंने कहा कि वह शादी के लिए तैयार हैं, लेकिन दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए. इस जवाब में हास्य के साथ-साथ कश्मीर को लेकर भारत का स्पष्ट और अडिग रुख भी झलकता है.

आपातकाल के दौरान भी नहीं छोड़ा मजाक

राजनाथ सिंह ने आपातकाल के समय की एक और घटना का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि हिरासत में रहते हुए वाजपेयी को कमर में तेज दर्द की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया. जब डॉक्टरों ने पूछा कि क्या दर्द झुकने की वजह से हुआ है, तो वाजपेयी ने मुस्कुराते हुए कहा, “डॉक्टर साहब, मुझे जिंदगी में झुकना नहीं आता, शायद गलती से कहीं झुक गया होऊंगा.” यह जवाब न केवल उनके आत्मसम्मान को दर्शाता है, बल्कि उनके स्वभाव की दृढ़ता और हास्यप्रियता को भी सामने लाता है.

राजनीतिक सवालों पर व्यंग्यात्मक जवाब

राजनाथ सिंह ने साल 2006 का एक और किस्सा साझा किया, जब यूपीए सरकार के दौरान इराक तेल-बदले-खाद्य घोटाले को लेकर विवाद हुआ था और तत्कालीन विदेश मंत्री नटवर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था. पत्रकारों ने वाजपेयी से पूछा कि क्या कांग्रेस को बचाने के लिए नटवर सिंह को बलि का बकरा बनाया गया. इस पर वाजपेयी ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं शाकाहारी हूं.” इस छोटे से जवाब में उन्होंने बिना किसी पर सीधा आरोप लगाए, पूरी बात कह दी.

एक विरासत जो हमेशा जीवित रहेगी

भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में हुआ. उनकी कविताएं, विचार, राजनीति और हास्य से भरी बातें आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं. राजनाथ सिंह द्वारा साझा की गई ये यादें यह साबित करती हैं कि वाजपेयी न केवल एक महान नेता थे, बल्कि एक ऐसे इंसान भी थे, जो गंभीर राजनीति में भी इंसानियत और मुस्कान बनाए रखना जानते थे.

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25 December 2025, 07:55 PM IST

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