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तारिक रहमान के ढाका पहुंचते ही छात्रों की पार्टी में खेला शुरू, एनसीपी के बड़े छात्र नेता ने दिया इस्तीफा

मीर अरशादुल हक ने एनसीपी से इस्तीफा दिया. जुलाई आंदोलन के वादे न निभाने और राजनीतिक असंतोष के कारण. उन्होंने बीएनपी के तारिक रहमान का समर्थन जताया और युवाओं से देश हित पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) में एक बड़ा राजनीतिक झटका सामने आया है, जब पार्टी के छात्र नेता मीर अरशादुल हक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह एनसीपी की केंद्रीय समिति के संयुक्त सचिव थे और पार्टी के कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं. उनके इस्तीफे ने एनसीपी और आगामी संसदीय चुनावों में राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना पैदा कर दी है.

इस्तीफे का ऐलान

मीर अरशादुल हक ने एनसीपी से अपने इस्तीफे का ऐलान गुरुवार सुबह फेसबुक पोस्ट के माध्यम से किया. इस पोस्ट में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अब चटगांव-16 सीट से एनसीपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने लिखा कि एनसीपी की यात्रा जुलाई जन आंदोलन की आकांक्षाओं और नई राजनीतिक व्यवस्था के वादों के साथ शुरू हुई थी, लेकिन पार्टी पिछले 10 महीनों में उन वादों को पूरा करने में असफल रही.

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी और उसके अधिकांश नेता गलत रास्ते पर चल पड़े हैं और वह इस गलत राह का हिस्सा नहीं बनना चाहते. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के सभी राजनीतिक संबंध समाप्त कर दिए, लेकिन व्यक्तिगत संबंध बनाए रखने की इच्छा व्यक्त की.

एनसीपी में निभाई अहम भूमिकाएं

मीर अरशादुल हक एनसीपी में केंद्रीय संयुक्त सचिव, कार्यकारी परिषद के सदस्य, मीडिया सेल और अनुशासन समिति के सदस्य, पर्यावरण सेल के प्रमुख और कुमिल्ला सिटी के मुख्य समन्वयक जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. इसके अलावा, उन्हें आगामी संसदीय चुनाव में चटगांव-16 सीट से पार्टी का टिकट भी दिया गया था. वह ढाका यूनिवर्सिटी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डूजा) के पूर्व उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

छात्र जीवन से ही अरशादुल हक राजनीति और सामाजिक आंदोलनों से जुड़े रहे. जुलाई आंदोलन के दौरान उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और बाद में जब शेख हसीना के खिलाफ युवा छात्र नेताओं ने एनसीपी का गठन किया, तो वह भी इससे जुड़ गए.

तारिक रहमान को समर्थन का ऐलान

अपने इस्तीफे के साथ, मीर अरशादुल हक ने बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान के प्रति अपना समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बांग्लादेश को स्थिर लोकतंत्र और प्रभावशाली नेतृत्व की आवश्यकता है और उनके व्यक्तिगत आकलन के अनुसार, तारिक रहमान ही देश का सही नेतृत्व कर सकते हैं.

अरशादुल हक ने आगे कहा कि जब अन्य दल धर्म और लोकलुभावन राजनीति पर ध्यान दे रहे हैं, तब तारिक रहमान स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, रोजगार और संस्कृति जैसे आम लोगों के मुद्दों पर गंभीर रूप से काम कर रहे हैं. यही कारण है कि उनकी सोच उन्हें आकर्षित करती है.

युवाओं के लिए संदेश

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे लोकलुभावन राजनीति या दिखावे से प्रभावित न हों और देश के हित, भविष्य और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करें.

एनसीपी की प्रतिक्रिया

अब तक एनसीपी ने मीर अरशादुल हक के इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, पार्टी के अंदर दो धड़े हैं, एक जो उनके कदम का समर्थन करता है और दूसरा जो विरोधी है. एनसीपी इस समय जमात-ए-इस्लामी के साथ चुनावी गठजोड़ को लेकर भी बातचीत कर रही है, जिसमें अरशादुल हक उन नेताओं में शामिल हैं जो इस गठजोड़ के खिलाफ रहे हैं.

मीर अरशादुल हक का इस्तीफा न केवल एनसीपी के आंतरिक समीकरणों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि आगामी चुनाव और बांग्लादेश की राजनीति के भविष्य पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.

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25 December 2025, 06:19 PM IST

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