सिर्फ दो पत्ते और शुगर कंट्रोल! इस आसान घरेलू उपाय से डायबिटीज को कहें अलविदा
Diabetes: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो जिंदगीभर साथ रहती है. आयुर्वेद में इसका असर कम करने के कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक है आक के पत्तों का इस्तेमाल, जो ब्लड शुगर को काबू में रखने में मदद कर सकता है. आइए जानते हैं कैसे?

Diabetes: डायबिटीज आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी की एक आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है. जहां एक बार इस बीमारी ने शरीर में दस्तक दे दी, तो यह जीवनभर की साथी बन जाती है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे मौजूद हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं.
इन्हीं में से एक बेहद प्रभावी और चर्चित उपाय है आक के पत्तों का इस्तेमाल. यह उपाय खासतौर से उन डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद है, जो उम्रभर दवाइयों के सहारे नहीं जीना चाहते. आइए जानते हैं कि कैसे केवल दो पत्तों से रातों-रात ब्लड शुगर को कंट्रोल में लाया जा सकता है.
आक के पौधे के औषधीय गुण
आक, जिसे अंग्रेज़ी में Calotropis कहा जाता है, एक जंगली पौधा है जो देखने में आम सा लगता है लेकिन इसमें गजब के औषधीय गुण होते हैं. हालांकि यह पौधा जहरीला माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद में इसे कई गंभीर बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है.
छिपा है डायबिटीज का समाधान
आक के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व शरीर को डिटॉक्स करने के साथ-साथ ब्लड शुगर लेवल को भी बैलेंस करने में सहायक होते हैं. रिसर्च के अनुसार, आक के पत्ते इंसुलिन के कार्य को बेहतर बनाते हैं, जिससे शरीर में ग्लूकोज का स्तर स्थिर रहता है.
जानें कैसे करें इस्तेमाल?
अगर आप चाहते हैं कि बिना दवाओं के ब्लड शुगर काबू में रहे, तो रात में आक के दो पत्तों का यह आसान उपाय अपनाएं.
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सबसे पहले दो ताजा आक के पत्ते लें और इन्हें अच्छे से धो लें.
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अब इन पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें.
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इस पेस्ट को अपने पैरों के तलवों पर लगाएं.
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फिर मोजा पहन लें और पूरी रात इसे ऐसे ही छोड़ दें.
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कहा जाता है कि यह उपाय नियमित तौर पर अपनाने से ब्लड शुगर लेवल में काफी सुधार देखा जा सकता है.
सावधानी जरूरी है
ध्यान रहे कि आक के पौधे से निकलने वाला दूध आंखों या त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसे तोड़ते समय सावधानी बरतना जरूरी है. इसके अलावा, आक के पत्तों को सीधे तौर पर खाना या पीना हानिकारक हो सकता है. अतः इसका उपयोग सिर्फ़ बाहरी रूप में करें और वह भी डॉक्टर या किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के बाद.
Disclaimer: ये आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसमें दी गई जानकारियों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें. JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


