सोते-सोते ‘तीसरी दुनिया’ में जाता है ये शख्स! डॉक्टर भी नहीं समझ पाए ये राज़
इसे महज़ सपना कहें या कोई परालौकिक रहस्य-एक 35 वर्षीय शख्स हर रात नींद में एक दूसरी दुनिया में जाता है, और वहां की घटनाएं हूबहू अगली सुबह सच साबित होती हैं. उसकी ज़िंदगी अब एक रहस्य बन चुकी है.

Lifestyle News: राजस्थान के झुंझुनूं में रहने वाला विक्रम यादव पिछले एक साल से ऐसी नींद सोता है, जो उसे एक दूसरी दुनिया में ले जाती है. वहां वह भविष्य की घटनाएं देखता है — और चौंकाने वाली बात ये कि वह जो देखता है, वही कुछ दिनों में सच हो जाता है. डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और साइकोलॉजिस्ट्स की टीमें इस मामले की पड़ताल में जुट चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं मिल पाया है.
डॉक्टरों के लिए बन गया पहेली
राजकीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान जयपुर के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष के मुताबिक, विक्रम का केस ‘वन इन अ बिलियन’ है. उन्होंने ब्रेन मैपिंग, REM स्कैन और डीप स्लीप एनालिसिस कराया, लेकिन हर रिपोर्ट सामान्य आई. ये पहली बार है जब एक व्यक्ति की 'स्वप्न चेतना' इतनी स्पष्ट और सटीक देखी गई है. सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ सपना है या कोई पारलौकिक अनुभव?
डायरी बन गई भविष्यवाणी की किताब
विक्रम हर सुबह उठकर अपने सपनों को एक डायरी में नोट करता है. हाल ही में उसने पंजाब में एक रेल हादसे का जिक्र किया था — तीन दिन बाद वही हादसा हूबहू हुआ. उसकी डायरी अब विशेषज्ञों के लिए एक दस्तावेज़ बन चुकी है, जिसे ‘फ्यूचर नोटबुक’ कहा जा रहा है.
क्या ये टाइम-ट्रैवल का संकेत है?
कुछ वैज्ञानिक इसे टाइम-लूप या ड्रीम-डायमेंशन से जोड़कर देख रहे हैं. AI आधारित स्लो ब्रेन प्रोसेसिंग मॉडल से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि शायद विक्रम के दिमाग में कोई ऐसी प्रणाली सक्रिय हो चुकी है, जो सामान्य इंसानों में निष्क्रिय रहती है. इसका मतलब ये हो सकता है कि इंसानी मस्तिष्क में भविष्य को देखने की एक छुपी शक्ति हो सकती है.
परिवार ने पहले माना पागलपन
शुरुआत में विक्रम के परिवार ने इसे पागलपन समझा, लेकिन जब उसकी बातों से घटनाएं मेल खाने लगीं तो घरवालों का नजरिया बदल गया. अब पूरा गांव उसे ‘भविष्यवक्ता’ कहने लगा है. कई लोग उसे अपने सपनों के ज़रिए सलाह लेने भी आने लगे हैं.
सरकार भी हो गई सतर्क
राजस्थान सरकार ने इस मामले पर एक साइंटिफिक बोर्ड बना दिया है, जिसमें NIMHANS और IIT दिल्ली के विशेषज्ञ भी शामिल हैं. रिपोर्ट अगले महीने तक आने की उम्मीद है. अगर ये मामला वैज्ञानिक रूप से साबित होता है, तो ये मानव चेतना के इतिहास की सबसे बड़ी खोज हो सकती है.
क्या हम सबके भीतर छिपा है भविष्य जानने का दरवाज़ा?
विक्रम की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं — ये सवाल है उस छुपी शक्ति का, जो शायद हम सबके भीतर सोई हुई है. क्या सपनों के जरिए हम कल को देख सकते हैं? या फिर विक्रम सिर्फ अपवाद है? फिलहाल जवाब सवालों से बड़ा है.


