फ्लोराइड के उच्च स्तर से बच्चों की दिमागी विकास पर पड़ सकता है बुरा असर, जानिए इसके बारे में जरूरी जानकारी!

क्या आप जानते हैं कि आपके बच्चे को पीने के पानी में फ्लोराइड का ज्यादा सेवन उनके दिमागी विकास को नुकसान पहुंचा सकता है? हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि भ्रूण अवस्था और छोटे बच्चों के लिए फ्लोराइड का अत्यधिक संपर्क खतरनाक हो सकता है. शोध में यह भी बताया गया है कि यह बच्चों के संज्ञानात्मक विकास को प्रभावित कर सकता है. जानिए इस बारे में और क्या विशेषज्ञों ने कहा है.

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Edited By: Aprajita

Health Tips: आजकल हम अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत कुछ करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीने के पानी में छिपे फ्लोराइड का अधिक मात्रा में सेवन उनके दिमागी विकास को नुकसान पहुंचा सकता है? हाल ही में हुए एक अध्ययन ने इस बारे में गंभीर चिंता जताई है.

स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिसमें यह पाया गया कि अगर भ्रूण अवस्था या बचपन के शुरुआती दिनों में बच्चे फ्लोराइड के संपर्क में आते हैं, तो इससे उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं पर नकारात्मक असर हो सकता है. यह अध्ययन एनवायरनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और यह कुछ पहले के अध्ययनों का समर्थन करता है, जिनमें यह संकेत दिया गया था कि बच्चों के विकास पर फ्लोराइड का बुरा असर पड़ता है.

फ्लोराइड का उच्च स्तर और उसका प्रभाव

फ्लोराइड प्राकृतिक रूप से पानी में पाया जाता है, खासकर उन इलाकों में जहां कुओं का पानी इस्तेमाल किया जाता है. कुछ देशों में तो पानी में फ्लोराइड मिलाकर दांतों में सड़न कम करने की कोशिश की जाती है, लेकिन यह बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बताया कि फ्लोराइड की कम मात्रा भी बच्चों के शुरुआती विकास को प्रभावित कर सकती है.

अध्ययन के दौरान, उन्होंने बांग्लादेश के 500 माताओं और उनके बच्चों पर शोध किया, जहां पानी में स्वाभाविक रूप से फ्लोराइड पाया जाता है. शोध में यह सामने आया कि जब बच्चों के मूत्र में फ्लोराइड की मात्रा 0.72 मिलीग्राम/लीटर से अधिक थी, तो उनके दिमागी विकास में पिछड़ाव देखा गया.

क्या यह नुकसान सिर्फ पीने के पानी से होता है?

यह अध्ययन यह भी स्पष्ट करता है कि टूथपेस्ट जैसे दंत चिकित्सा उत्पादों से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं होता, क्योंकि वे निगलने के लिए नहीं होते. हालांकि, बच्चों को ब्रश करते समय यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे टूथपेस्ट निगलें नहीं.

डॉ. मारिया किप्लर, जो इस शोध में शामिल थीं, ने बताया कि फ्लोराइड के उच्च स्तर से बच्चों की मौखिक तर्क कौशल और संवेदी इनपुट की व्याख्या करने की क्षमता में कमी आती है, जो उनके दिमागी विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.

क्या आप अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकते हैं?

यह अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि फ्लोराइड का अत्यधिक सेवन बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर जब वे भ्रूण अवस्था में या बचपन के शुरुआती दिनों में फ्लोराइड के संपर्क में आते हैं. यह एक चेतावनी है कि हमें पानी में फ्लोराइड की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे बच्चों को किसी भी प्रकार से हानिकारक पदार्थ का सेवन न हो.

आजकल फ्लोराइड को लेकर बहस और चर्चा बढ़ रही है. कुछ देशों में इसे पीने के पानी में मिलाया जाता है, लेकिन अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह बच्चों के लिए वाकई सुरक्षित है? यदि आप अपने बच्चे को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप फ्लोराइड के स्तर पर ध्यान दें और किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए कदम उठाएं.

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12 March 2025, 11:29 PM IST

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