हेल्दी ब्रेन और हेल्दी हार्ट के लिए फायेदमंद है माइंड डाइट, दिमाग को मिलेगा फ्यूल, बीपी भी रहेगा कंट्रोल
सेहतमंद जीवनशैली की बात हो और डाइट का जिक्र न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता है. हाल ही में कार्डिफ मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि ‘माइंड डाइट’ न सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों से राहत देती है, बल्कि यह डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी गंभीर मानसिक समस्याओं के जोखिम को भी कम करने में बेहद कारगर साबित हो सकती है.

सेहतमंद जीवनशैली अपनाने की दिशा में डाइट का अहम योगदान होता है. हाल ही में एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि माइंड डाइट न केवल दिल और रक्तचाप से जुड़ी समस्याओं में राहत देती है, बल्कि मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में भी बेहद असरदार है. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह डाइट किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इससे डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है.
ब्रिटेन स्थित कार्डिफ मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने माइंड डाइट पर आधारित एक अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि पौधों पर आधारित भोजन, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद और लीन प्रोटीन से भरपूर यह डाइट ना केवल ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करती है, बल्कि दिमागी तंत्रिकाओं (Neurons) को भी लंबे समय तक सुरक्षित रखती है.
क्या है माइंड डाइट?
माइंड डाइट दरअसल Mediterranean Diet और DASH Diet का मिश्रण है. यह डाइट खासतौर पर मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने और संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) को कम करने के लिए डिजाइन की गई है. इस डाइट में फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, बीन्स, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन (जैसे मछली और चिकन), और कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल किया जाता है. वहीं, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाए रखने पर जोर दिया जाता है.
रिसर्च में क्या निकला नतीजा?
वैज्ञानिक ऐस्लिंग पिगाट और सोफी डेविस ने बताया कि माइंड डाइट पर किए गए अध्ययन इस डाइट के फायदों को मजबूत सबूतों के साथ साबित करते हैं. एक स्टडी में 906 बुजुर्ग प्रतिभागियों की डाइट आदतों का विश्लेषण किया गया. उन्हें डिमेंशिया से बचाने वाले फूड्स की संख्या के आधार पर माइंड डाइट स्कोर दिया गया.इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों का माइंड स्कोर ज्यादा था, उनकी संज्ञानात्मक क्षमता में गिरावट की रफ्तार बेहद धीमी थी. अध्ययन लगभग पांच वर्षों तक किया गया.
अल्जाइमर के खतरे में भी मिलती है राहत
एक अन्य अध्ययन में 581 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिन्होंने माइंड डाइट या मेडिटेरेनियन डाइट को 10 वर्षों तक फॉलो किया था. इन लोगों के ब्रेन स्कैन में अमाइलॉयड पट्टियों (Alzheimer’s Plaques) के बेहद कम संकेत मिले. गौरतलब है कि ये पट्टियां अल्जाइमर रोग का प्रमुख संकेत होती हैं.
हरी पत्तेदार सब्जियां हैं सबसे प्रभावशाली
रिसर्च में यह भी सामने आया कि माइंड डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही. यही नहीं, माइंड डाइट पर आधारित 13 अलग-अलग स्टडीज की एक समीक्षा में पाया गया कि जो बुजुर्ग नियमित रूप से इस डाइट का पालन करते हैं, उनकी मेमोरी और सोचने की क्षमता बेहतर बनी रहती है.समीक्षा में शामिल एक अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि माइंड डाइट फॉलो करने वालों में अल्जाइमर का खतरा 53% तक कम पाया गया.
क्यों अपनाएं माइंड डाइट?
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखती है
हृदय रोगों का खतरा कम करती है
दिमाग की तंत्रिकाओं को सुरक्षा देती है
याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाती है
डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा घटाती है


