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पेट में बेटा या बेटी? पत्ता गोभी से पता लगा रहे हैं लोग!

Cabbage Gender Test इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें लाल पत्ता गोभी और पेशाब मिलाकर बच्चे का जेंडर जानने का दावा किया जाता है. हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. विशेषज्ञ इसे सिर्फ एक मज़ेदार प्रयोग मानते हैं, न कि भरोसेमंद या मेडिकल तरीका.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

मां बनने की खबर के साथ ही महिलाओं के दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ने लगती हैं. हर दिन एक नई उम्मीद और हर पल एक नई उत्सुकता जन्म लेती है. लेकिन सबसे पहली और स्वाभाविक जिज्ञासा होती है – "लड़का होगा या लड़की?" इस सवाल का जवाब पाने के लिए अब महिलाएं सीधे डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि अपनी रसोई की ओर रुख कर रही हैं. वजह है इंटरनेट पर वायरल हो रहा एक अजीबोगरीब ट्रेंड – "पत्ता गोभी जेंडर टेस्ट".

इस अनोखे टेस्ट में इस्तेमाल होती है लाल पत्ता गोभी और गर्भवती महिला का सुबह का पहला पेशाब. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस टेस्ट से बच्चे का जेंडर बताया जा सकता है. इसकी प्रक्रिया भी बेहद आसान बताई जाती है –

कहा जाता है कि अगर पानी का रंग गुलाबी या लाल हो जाए, तो बेटा होगा. वहीं अगर रंग नीला या बैंगनी ही बना रहे, तो लड़की होने की संभावना जताई जाती है.

क्या है इस टेस्ट की सच्चाई?

इस वायरल ट्रेंड की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है. असल में, लाल पत्ता गोभी एक प्राकृतिक पीएच इंडिकेटर होती है. इसका मतलब यह है कि यह अम्लीय (acidic) या क्षारीय (alkaline) तत्वों के संपर्क में आने पर अपना रंग बदलती है. चूंकि पेशाब का पीएच लेवल हर व्यक्ति में अलग होता है और कई बार खानपान, हाइड्रेशन, या स्वास्थ्य के कारण इसमें बदलाव आता है, इसलिए पानी का रंग बदलना स्वाभाविक रासायनिक प्रतिक्रिया है – न कि बच्चे के लिंग का संकेत.

क्यों कर रहे हैं लोग यह टेस्ट?

भले ही ये टेस्ट असली नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया पर कपल्स इसे मस्ती और यादगार पल बनाने के लिए कर रहे हैं. कुछ इसे जेंडर रिवील पार्टी का हिस्सा बना रहे हैं, तो कुछ इसे केवल मनोरंजन और जिज्ञासा के तौर पर ले रहे हैं. हालांकि, कई लोगों को लगता है कि इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है, जो एक भ्रम है.

यह सिर्फ एक फन एक्टिविटी

अगर आप भी "पत्ता गोभी टेस्ट" को लेकर उत्साहित हैं, तो ध्यान रखें कि यह सिर्फ एक फन एक्टिविटी है, न कि भरोसेमंद वैज्ञानिक तरीका. गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत और जेंडर के बारे में सटीक जानकारी सिर्फ डॉक्टर की सलाह और अल्ट्रासाउंड के जरिए ही मिल सकती है. इस तरह के घरेलू नुस्खों को मनोरंजन तक ही सीमित रखें और मेडिकल निर्णयों के लिए विशेषज्ञों पर ही भरोसा करें.

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06 June 2025, 12:27 PM IST

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