Menstruation myths: क्या पीरियड्स में मंदिर जाना गलत है? जानें मेडिकल फेक्ट
Menstruation myths: भारत में आज भी कई लोग मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं मंदिर नहीं जा सकतीं. मेडिकल साइंस के अनुसार, मासिक धर्म एक नेचुरल प्रक्रिया है. इसे किसी तरह की अशुद्धि या गंदगी से नहीं जोड़ा जा सकता.

Menstruation myths: भारत में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मंदिर न जाने देने की प्रथा आज भी देखने को मिलती है. यह मान्यता कई सालों से चली आ रही है और इसे संस्कृति और धार्मिक विश्वासों से जोड़ा जाता है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह सच में सही है? क्या मेडिकल साइंस भी इस बात का समर्थन करता है या यह सिर्फ एक पुरानी सामाजिक धारणा है?
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे किसी तरह की अशुद्धि या गंदगी से नहीं जोड़ा जा सकता. इस दौरान महिलाओं के मंदिर जाने पर कोई स्वास्थ्य संबंधी खतरा नहीं है.
मेडिकल साइंस की नजर में पीरियड्स
डॉक्टरों का कहना है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं मंदिर जा सकती हैं. यह शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है, जिससे किसी भी तरह की अशुद्धता नहीं पैदा होती. पीरियड्स का खून गंदा नहीं होता और यह शरीर का सामान्य कार्य है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि हर महीने शरीर इस तरह से तैयार होता है कि अगर गर्भधारण नहीं होता, तो शरीर उस तैयारी को छोड़ देता है और खून के रूप में बाहर निकलता है. इसलिए इसे अशुद्ध या गंदा कहना गलत है.
धार्मिक दृष्टिकोण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अशुद्ध समय माना जाता है. कुछ विद्वान इस दौरान मंदिर न जाने की सलाह देते हैं, जबकि कई अन्य इसके खिलाफ हैं. शास्त्रों में इस समय पूजा या अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग न लेने की सलाह दी गई है.
इस तरह, धार्मिक और मेडिकल दोनों दृष्टिकोण अलग हैं. स्वास्थ्य के लिहाज से महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं, जबकि पारंपरिक मान्यताएं सामाजिक और धार्मिक आदर्शों पर आधारित हैं.
DISCLAIMER: यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्यों से लिखा गया है. इसमें दी गई जानकारी किसी भी धार्मिक ग्रंथ, परंपरा या मान्यता का समर्थन या विरोध करने के इरादे से नहीं है. ये मेडिकल और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सामान्य राय पर आधारित हैं.


