भारत में एकमात्र जगह जहां दुल्हन 7 दिनों तक बिना कपड़ों के रहती है, यह जगह है…, नाम है…
हर धर्म और समुदाया में शादी से जुड़ी अलग-अलग परंपराएं होती हैं, लेकिन कुछ रस्मों इतनी अनोखी होती हैं कि सुनकर हैरानी होती है. भारत में एक ऐसी जगह भी है, जहां शादी के बाद दुल्हन को सात दिनों तक बिना कपड़ों के रहना पड़ता है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे धार्मिक आस्था से जोड़ा जाता है. इस अनोखी रस्म का पालन खासतौर पर किया जाता है. जहां लोग इसे शुभ मानते हैं.

लाइफ स्टाइल न्यूज. भारत में शादियां एक भव्य आयोजन है. ऐसा कहा जाता है कि भारत में विवाह सिर्फ़ दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों का मिलन है. यह एक ऐसा आयोजन है जो परिवारों, समुदायों और सदियों पुराने रीति-रिवाजों को एक साथ लाता है. हाल ही में, भारत में दो भव्य शादियाँ हुईं: मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी की राधिका मर्चेंट से शादी और अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी के सबसे छोटे बेटे जीत अडानी और हीरा व्यापारी जैमिन शाह की बेटी दिवा जैमिन शाह की शादी.
हिमाचल का अनूठा विवाह रिवाज
भारत में, विवाह विभिन्न रूपों में होते हैं, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को दर्शाते हैं. कुछ सबसे आम प्रकारों में शामिल हैं: प्रेम विवाह, अरेंज मैरिज, कोर्ट मैरिज और अन्य. जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है जो कई धर्मों की मातृभूमि के रूप में कार्य करता है. हर धर्म में नियमों और परंपराओं का एक सेट होता है जिसका पालन दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार शादी के जुलूस के दौरान करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा गांव भी है जहां शादी के बाद दुल्हनें कपड़े नहीं पहनती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी परंपरा है जहां दुल्हनें शादी के बाद कई दिनों तक कपड़े नहीं पहनती हैं.
मणिकरण घाटी के पीणी गांव की अनोखी परंपरा
रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के मणिकरण घाटी में स्थित पीणी गांव में यह अनोखी परंपरा निभाई जाती है. पीणी गांव में एक अजीबोगरीब परंपरा है जिसके तहत शादी के बाद दुल्हन को सात दिनों तक बिना कपड़ों के रहना पड़ता है. यह रस्म एक गहरी परंपरा है जिसे गांव वाले पूरी आस्था और भक्ति के साथ निभाते हैं. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन अलग-अलग रहते हैं और एक-दूसरे से कोई संपर्क नहीं रखते.
बुरी आत्माओं से बचाव की मान्यता
इस अनोखी शादी की परंपरा के अलावा, पीनी गांव में सावन के महीने में एक और अनोखी परंपरा का पालन किया जाता है. पांच दिनों तक गांव की महिलाएं सदियों पुरानी परंपरा के तहत कपड़े नहीं पहनती हैं. जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, पीनी गांव में यह परंपरा सदियों पुरानी है और इसकी जड़ें एक मजबूत आस्था पर टिकी हैं. ऐसा कहा जाता है कि गांव को बुरी आत्माओं से बचाने के लिए कपड़े न पहनने की प्रथा बहुत पहले शुरू हुई थी. आधुनिक समय में, महिलाओं ने पतले कपड़े पहनकर इस प्रथा को बदल दिया है, लेकिन परंपरा का पालन अभी भी किया जाता है.


