कोविड-19 के बाद इस घातक बीमारी का बढ़ रहा खतरा, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, जानें लक्षण और बचाव
इंट्रो-इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों में अल्जाइमर रोग से जुड़े बायोमार्कर के स्तर बढ़ने की संभावना अधिक होती है. अध्ययन के अनुसार, संक्रमण के बाद मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे न्यूरोडिजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

कोविड-19 से उबरने के बाद भी यह वायरस शरीर पर गंभीर प्रभाव छोड़ सकता है, खासतौर पर मस्तिष्क स्वास्थ्य पर. इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में पाया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में अल्जाइमर रोग से जुड़े बायोमार्कर का स्तर अधिक हो सकता है. खासतौर पर उन मरीजों में यह प्रभाव ज्यादा देखा गया, जिन्हें संक्रमण के दौरान अस्पताल में भर्ती किया गया था.
यह अध्ययन मस्तिष्क में होने वाले दीर्घकालिक प्रभावों को उजागर करता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 के कारण मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे न्यूरोडिजेनेरेटिव (मस्तिष्क क्षरण) बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इससे अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है.
एमाइलॉयड प्रोटीन और मस्तिष्क पर असर
एमाइलॉयड प्रोटीन शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन जब इसका असामान्य रूप, बीटा-एमाइलॉयड (Aβ), विकसित होता है, तो यह न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का कारण बन सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण से यह प्रक्रिया तेज हो सकती है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है.
कोविड-19 से बढ़ रही न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच संबंध को लेकर अभी और अध्ययन की जरूरत है. अल्जाइमर एक गंभीर बीमारी है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देती है और स्मृति हानि का कारण बनती है. कोविड-19 के कारण दिमाग की सामान्य कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे मानसिक क्षमताओं में गिरावट और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है.
मस्तिष्क पर कोविड-19 का प्रभाव
कोविड-19 संक्रमण के बाद मरीजों में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण देखे गए हैं, जिनमें शामिल हैं: सिरदर्द, मानसिक भ्रम, स्ट्रोक, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, ध्यान केंद्रित करने में समस्या. रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ था, उनमें तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं अधिक देखी गईं, जिससे यह संकेत मिलता है कि कोरोना वायरस और अल्जाइमर के बीच संबंध हो सकता है.
क्या कहता है रिसर्च ?
अल्जाइमर और डिमेंशिया पर किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों में अल्जाइमर से जुड़े लक्षण तेजी से विकसित हो सकते हैं. आमतौर पर अल्जाइमर के लक्षण 60 साल की उम्र के बाद नजर आते हैं, लेकिन कोविड-19 संक्रमित लोगों में यह प्रक्रिया पहले शुरू हो सकती है.
वैश्विक संस्थानों की भागीदारी
इस शोध में30 देशों के वैज्ञानिक, अल्जाइमर एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी शामिल थे. अध्ययन का उद्देश्य यह समझना था कि कोविड-19 का मस्तिष्क पर क्या अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है.


