क्या होता है दिमाग खाने वाला अमीबा, कैसी हुई इस बीमारी से एक छोटी बच्ची की मौत ? जानिए इसके शुरुआती लक्षण और इलाज
केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा (Naegleria fowleri) से एक बच्ची की मौत ने इस खतरनाक जीव की गंभीरता को सामने रखा है. यह अमीबा गुनगुने, साफ न किए गए पानी में पनपता है और नाक के रास्ते दिमाग तक पहुंचकर तेज संक्रमण करता है. शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे होते हैं, इसलिए पहचान मुश्किल होती है. इलाज कठिन है, इसलिए साफ-सफाई और सुरक्षित पानी का उपयोग जरूरी है. आइए जानते है इस खबर को विस्तार से...

Brain Eating Amoeba : केरल में दिमाग खाने वाले अमीबा से एक बच्ची की मौत ने इस खतरनाक जीव की गंभीरता को सामने रखा है. क्या आपने कभी सोचा है कि तैरने या नहाने के दौरान पानी में मौजूद एक बेहद सूक्ष्म जीव आपकी जान तक ले सकता है? यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन केरल में हाल ही में हुई एक दुखद घटना ने इस खतरे को सच साबित कर दिया है. यहां एक छोटी सी बच्ची की मौत दिमाग खाने वाले अमीबा के कारण हो गई. यह जीव कोई सामान्य कीटाणु नहीं है, इसे केवल माइक्रोस्कोप से देखा जा सकता है और यह खासतौर पर गुनगुने, रुके हुए या कम साफ पानी में तेजी से पनपता है. तालाब, झील या स्विमिंग पूल जो ठीक से साफ नहीं होते, वहां यह जीव आसानी से फैलता है.
आपको बता दें कि दिल्ली के एक अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर ने बताया कि Brain Eating Amoeba यानी निगलेरिया फाउलेरी एक दुर्लभ और बेहद खतरनाक जीव है. यह हमारे शरीर में नाक के रास्ते होते हुए सीधे दिमाग तक पहुंच जाता है. वहां जाकर यह दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिससे गंभीर संक्रमण होता है. इसका संक्रमण तब होता है जब दूषित पानी नाक के अंदर चला जाता है, खासकर गंदे स्विमिंग पूल, तालाब या झील के पानी में तैरते समय.
संक्रमण के लक्षण क्या होते हैं?
क्या इसका इलाज संभव है?
इस बीमारी का नाम प्राइमरी अमीबिक मेनिंजोएन्सेफलाइटिस (PAM) है. दुर्भाग्यवश, इसका इलाज बहुत मुश्किल है और अब तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें मौत का प्रतिशत बहुत अधिक रहा है. कारण यह है कि दिमाग में पहुँचने के बाद अमीबा इतनी तेजी से फैल जाता है कि दवाइयां प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पातीं. इससे डॉक्टरों के लिए मरीज को बचाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
कैसे करें Brain Eating Amoeba से बचाव ?
इस खतरनाक जीव से बचने के लिए हमें सावधानी बरतनी होगी. यदि आप नदियों, तालाबों या झीलों में नहाते या तैरते हैं तो कोशिश करें कि पानी नाक के अंदर न जाए. स्वच्छ और क्लोरीनयुक्त स्विमिंग पूल का ही इस्तेमाल करें. यदि नाक में पानी चला भी जाए तो तुरंत उसे साफ करें. गंदे तालाब या बिना क्लोरीन वाले स्विमिंग पूल से दूर रहें. इसके अलावा, साफ पानी पीना और स्वच्छता बनाए रखना भी बहुत जरूरी है ताकि ऐसे खतरनाक संक्रमण से बचा जा सके.
इस प्रकार, दिमाग़ खाने वाला अमीबा एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा खतरा है, जिससे बचाव के लिए हमें जागरूक और सावधान रहना होगा. पानी से जुड़े स्वास्थ्य नियमों का पालन ही हमें इस भयानक संक्रमण से सुरक्षित रख सकता है.


