कब और कैसे हुई मेकअप की शुरुआत? जब सुंदरता के लिए कुचले जाते थे बीटल्स
History of makeup: मेकअप का इतिहास हजारों साल पुराना है, जहां सुंदरता सिर्फ आकर्षण तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका संबंध स्वास्थ्य और धार्मिक मान्यताओं से भी था. प्राचीन मिस्र में काजल, हरा आईशैडो और प्राकृतिक स्किनकेयर का उपयोग न केवल सौंदर्य बढ़ाने के लिए, बल्कि सुरक्षा और आध्यात्मिक विश्वासों के लिए भी किया जाता था.

History of makeup: प्राचीन काल से ही मनुष्य ने अपनी सुंदरता को निखारने के लिए कई तरीके अपनाए हैं. हालांकि, मेकअप का कोई एक आविष्कारक नहीं था, लेकिन इतिहास में इसका सबसे पहला प्रमाण प्राचीन मिस्र में मिलता है. यहां सुंदरता सिर्फ आकर्षण तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका उपयोग स्वास्थ्य और धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़ा हुआ था. खासकर आंखों के मेकअप में मिस्रवासियों ने महारत हासिल कर ली थी, जो आज भी सौंदर्य प्रसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
मेकअप को लेकर मिस्रवासियों की समझ अद्भुत थी. क्लियोपेट्रा की प्रसिद्ध काजल से भरी आंखें और हरे मालाकाइट से बना आईशैडो इसका प्रमाण हैं. हालांकि, यह केवल सुंदरता के लिए नहीं था, बल्कि इससे सूर्य की तेज रोशनी से बचाव भी होता था. मिस्रवासी काजल का उपयोग न केवल फैशन के लिए करते थे, बल्कि यह आंखों की सुरक्षा के लिए भी जरूरी माना जाता था. काजल में मौजूद तत्व बैक्टीरिया को दूर रखने में मदद करते थे, जिससे संक्रमण की संभावना कम हो जाती थी.
धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा था आईशैडो
हरे रंग का आईशैडो, जो मालाकाइट नामक तांबा आधारित खनिज से बनाया जाता था, सिर्फ सौंदर्य बढ़ाने का साधन नहीं था. मिस्रवासी इसे देवताओं की कृपा प्राप्त करने का माध्यम मानते थे. खासतौर पर इसे आंखों पर लगाने से यह होरस देवता (Horus) का आशीर्वाद पाने की मान्यता थी. यह वही देवता थे जिनका सिर बाज (falcon) के रूप में दिखाया जाता है. इस तरह, सौंदर्य प्रसाधन सिर्फ दिखावे तक सीमित नहीं थे, बल्कि धार्मिक विश्वासों का भी हिस्सा थे.
मिस्रवासियों का एडवांस्ड स्किनकेयर
आज जहां दुनिया स्किनकेयर को लेकर जागरूक हो रही है, वहीं मिस्रवासी हजारों साल पहले ही अपनी त्वचा की देखभाल में माहिर थे. वे त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाए रखने के लिए कई प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करते थे. शहद, जो अपने जीवाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है, चेहरे के मास्क और स्नान में उपयोग किया जाता था. क्लियोपेट्रा के दूध से स्नान करने की कहानियां भी काफी प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा, वे जैतून, अरंडी और तिल के तेल से अपनी त्वचा को तेज धूप और शुष्क वातावरण से बचाते थे.
लिपस्टिक का अनोखा रहस्य
मेकअप की दुनिया में लिपस्टिक भी खास स्थान रखती है. प्राचीन मिस्र में इसे बनाने के लिए लाल ओचर (red ochre) नामक खनिज को पीसकर वसा या रेज़िन के साथ मिलाया जाता था. दिलचस्प बात यह है कि सबसे चमकीले लाल रंग के लिए कुचले गए कारमाइन बीटल्स (carmine beetles) का उपयोग किया जाता था. हां, आप सही पढ़ रहे हैं! प्राचीन मिस्र में कीड़ों से बने सौंदर्य उत्पादों का उपयोग किया जाता था, जो आज के 'क्लीन ब्यूटी' ट्रेंड से काफी पहले की बात है.
मेकअप ट्रेंड्स पर मिस्र की छाप
प्राचीन मिस्र की सुंदरता और मेकअप तकनीकें आज भी फैशन और सौंदर्य जगत में देखने को मिलती हैं. खासतौर पर विंग्ड आईलाइनर, जिसे आज की युवा पीढ़ी भी पसंद करती है, इसकी जड़ें मिस्रवासियों की मेकअप शैली से जुड़ी हुई हैं. मिस्र की यह परंपरा न केवल सुंदरता का प्रतीक थी, बल्कि स्वास्थ्य और धार्मिक आस्था से भी जुड़ी हुई थी. अगली बार जब आप आईलाइनर लगाएं, तो याद रखें कि इसकी शुरुआत हजारों साल पहले मिस्र में हुई थी!


