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किन लोगों को होती है माइग्रेन की समस्या, जानें कैसे करें बचाव?

Migraine: माइग्रेन एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जो तेज़ सिरदर्द, मतली और रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी दिक्कतें पैदा कर सकती है. बदलती जीवनशैली, तनाव और अनियमित दिनचर्या के कारण यह परेशानी तेजी से बढ़ रही है. आइए जानते हैं कि किन लोगों को माइग्रेन का खतरा अधिक होता है और इससे बचने के आसान उपाय क्या हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Migraine: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और तनाव भरे माहौल में माइग्रेन की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह केवल एक साधारण सिरदर्द नहीं बल्कि एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो व्यक्ति की दैनिक दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है. माइग्रेन के कारण सिर में तेज़ दर्द, मतली, उल्टी और रोशनी या आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है. अगर समय रहते माइग्रेन के लक्षणों को समझकर सही उपाय किए जाएं, तो इस परेशानी से काफी हद तक बचा जा सकता है. आइए जानते हैं कि किन लोगों को माइग्रेन का खतरा अधिक होता है और इससे बचाव के उपाय क्या हैं.

किन लोगों को अधिक होता है माइग्रेन का खतरा?

  1. जिनका पारिवारिक इतिहास हो: अगर परिवार में किसी को माइग्रेन की समस्या है, तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है.

  2. ज्यादा तनाव लेने वाले लोग: लगातार मानसिक दबाव और तनाव में रहने वाले लोगों में माइग्रेन का जोखिम अधिक होता है.

  3. हार्मोनल बदलाव से गुजरने वाली महिलाएं: महिलाओं में मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन का कारण बन सकते हैं.

  4. गलत खानपान करने वाले लोग: कैफीन, चॉकलेट, अधिक मसालेदार खाना और अल्कोहल का अधिक सेवन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है.

  5. नींद की अनियमितता से जूझने वाले लोग: जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती या जो देर रात तक जागते हैं, उनमें माइग्रेन की समस्या अधिक पाई जाती है.

माइग्रेन से बचाव के उपाय

  1. तनाव को करें नियंत्रित: योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे माइग्रेन के खतरे को रोका जा सकता है.

  2. सही खानपान अपनाएं: हेल्दी डाइट लें, हाइड्रेटेड रहें और माइग्रेन ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें.

  3. पर्याप्त नींद लें: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है. सोने और उठने का समय नियमित रखें.

  4. स्क्रीन टाइम को करें कम: लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप और टीवी देखने से माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है, इसलिए स्क्रीन टाइम सीमित करें.

  5. नियमित व्यायाम करें: हल्का फुल्का वर्कआउट, वॉकिंग और एक्सरसाइज करने से माइग्रेन की समस्या को कम किया जा सकता है.

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अगर माइग्रेन का दर्द लगातार बढ़ रहा हो, लंबे समय तक बना रहता हो या घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरों से संपर्क करें.

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20 February 2025, 08:21 PM IST

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