ॐलोक आश्रम: देवताओं में सबसे मुख्य गुण होता है की वे स्वम कर्ता होते हुए भी सदेव दूसरों पर कृतज्ञय भाव व्यक्त करते हैं
बालपन में अपनी चंचल चपलता से देवताओं का भी मान मोहने में निपुण जिन्होंने इन्द्र से वज्र से भी कठोर शरीर प्राप्त किया । सूर्यदेव ने अपने तेज का शतांश प्रदान किया तथा शास्त्र मर्मज्ञ होने का भी आशीर्वाद दिया।
सबसे सरल देव हनुमान जी
पवन देव के औरसपुत्र
माता अंजनी के लाल
सूर्य देव के शिष्य
भगवान भोले नाथ के रुद्र अवतार
बालपन में अपनी चंचल चपलता से देवताओं का भी मान मोहने में निपुण जिन्होंने इन्द्र से वज्र से भी कठोर शरीर प्राप्त किया । सूर्यदेव ने अपने तेज का शतांश प्रदान किया तथा शास्त्र मर्मज्ञ होने का भी आशीर्वाद दिया। वरुण ने आशीर्वाद दिया की मेरे पाश और जल से यह बालक सदा सुरक्षित रहेगा। यमदेव ने अवध्य और नीरोग रहने का आशीर्वाद दिया। यक्षराज कुबेर, विश्वकर्मा आदि देवों ने भी अपनी अपनी शक्तियों से हनुमान जी सुशोभित किया ।
देवताओं में सबसे मुख्य गुण होता है की वे स्वम कर्ता होते हुए भी सदेव दूसरों पर कृतज्ञय भाव व्यक्त करते हैं जबकि इसके विपरीत राक्षस हमेशा किसी भी कार्य का श्रेय स्वम लेने का प्रयास करते है । अतुलित बलधाम हनुमान जी स्वम कर्ता होते हुए भी सभी कार्य श्री राम जी अर्पित करके पूर्ण करते हैं । सृष्टि में केवल हनुमान जी ही लघु और विकराल रूप धारण करने की शक्ति रखते हैं ।
हनुमान जी (संस्कृत: हनुमान्, आंजनेय और मारुति भी) परमेश्वर की भक्ति (हिन्दू धर्म में भगवान की भक्ति) की सबसे लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण पात्रों में एक हैं। वह भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं । रामायण के अनुसार वे श्रीराम के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। उनकी श्री राम भक्ति से अभिभूत होकर माता सीता ने उन्हें अजर अमर गुणनिधि होने का वरदान दिया । हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ सुग्रीव की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से असुरों का मर्दन किया, वह अत्यन्त प्रसिद्ध है। कहते हैं अजर अमर श्री राम भक्त हनुमान जी आज भी जहाँ कहीं पर श्रीराम कथा होती है वहाँ किसी न किसी रूप में अवश्य पहुँचते है । कृपानिधान बजरंग बली अपने सब भक्तों पर सदा वात्सल्य बरसाते रहें ॥ जय श्री राम
चिंतक 🙏
ॐलोक आश्रम