ॐ लोक आश्रम: गीता का वैज्ञानिक सिद्धांत क्या है? भाग-1
भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि जो भी भूत है जितना भी पूरा ब्रह्मांड है पहले यह अव्यक्त था। इस रूप में नहीं था। अव्यक्त रूप में था। वो अव्यक्त से व्यक्त अवस्था में आया। जिस रूप में ये ब्रह्मांड हमें दिखाई दे रहा है।

भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि जो भी भूत है जितना भी पूरा ब्रह्मांड है पहले यह अव्यक्त था। इस रूप में नहीं था। अव्यक्त रूप में था। वो अव्यक्त से व्यक्त अवस्था में आया। जिस रूप में ये ब्रह्मांड हमें दिखाई दे रहा है। और एक समय फिर ऐसा आएगा कि एक बार फिर वो अव्यक्त में चला जाएगा। ये एक सिद्धांत हैं जो सृष्टि की उत्पति, विकास और विनाश इन तीनों को दिखाती है। विज्ञान ने बताया हमें कि इस सृष्टि के पहले यह पूरा समग्र संसार एक ऊर्जा के गठ्ठर के रूप में एक मटर की जितनी बराबर के जगह में स्थित है।
ये बड़े-बड़े ग्रह बड़े-बड़े उपग्रह, आकाशगंगाएं, लाखों-लाख आकाशगंगाएं, बिलियन्स, ट्रिलियन्स जो स्टार्स हैं ये सब एक छोटी सी ऊर्जा के रूप में उपलब्ध थे। कोई अणु नहीं था कोई परमाणु नहीं था। कोई इलेक्ट्रॉन नहीं था कोई प्रोटॉन नहीं था। कुछ भी नहीं था केवल एक ऊर्जा थी। यह सारा संसार उसी के अंदर था। अव्यक्त रूप में था। आदि अवस्था में था सबसे पहले उसी अवस्था में था। उसके बाद बिग बैंग होता है और धीरे-धीरे सारे संसार का सृजन होता है। एक ऐसी अवस्था आती है कि अव्यक्त से व्यक्त होता है।
जो अव्यक्त में नहीं है वो व्यक्त में नहीं आ सकता। अगर तिल में तेल नहीं है तो हम उसे कितना भी पेर लें उससे तेल नहीं निकलेगा। बालू को पेरने से उससे तेल नहीं निकलेगा। अव्यक्त जो आज व्यक्त दिखलाई दे रहा है किसी न किसी समय में वो अव्यक्त में था। व्यक्त, अव्यक्त की अभिव्यक्ति है। यह समस्त संसार अव्यक्त में था उस ऊर्जा के गठ्ठर में था और वो ऊर्जा का गठ्ठर अपने सूक्ष्म रूप में उस परमात्मा में अवस्थित था जहां तक बुद्धि की गति नहीं।
एक ऐसी अवस्था इस संसार में आई हुई है जब पृथ्वी का सृजन हुआ, सूर्य का सृजन हुआ, आकाशगंगाओं का सृजन हुआ। ऐसी अवस्था आएगी कि पृथ्वी अपनी आयु परिपूर्ण कर लेगी, पृथ्वी सूर्य में मिल जाएगी, सूर्य ब्लैकहोल में मिल जाएगा, बहुत सारे ब्लैकहोल आपस में मिल जाएंगे फिर वैसी अवस्था आएगी बिग बैंग के पहले की जैसी अवस्था आ जाएगी। अंतिम में सबका निधन अव्यक्त में हो जाएगा। परमात्मा से ये संसार निकला है और अंत में परमात्मा में विलीन हो जाएगा।


