2044 में यूरोप तबाह, रोम पर खलीफा का कब्जा... बाबा वेंगा की इस्लामिक स्टेट के आतंक पर चौंकाने वाली भविष्यवाणी
Baba Vanga Predictions: 1996 में दुनिया को अलविदा कह चुकीं बाबा वेंगा आज भी अपनी रहस्यमयी भविष्यवाणियों के कारण सुर्खियों में बनी रहती हैं. उनकी भविष्यवाणियां इतनी सटीक मानी जाती हैं कि लोग आज भी उनके शब्दों में भविष्य की झलक तलाशते हैं, जिससे उनका नाम हमेशा चर्चा में रहता है.

Baba Vanga Predictions: विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने ऐसी भविष्यवाणियां की हैं जो आज के समय में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. खासकर जब बात आती है 2043 में रोम के वेटिकन सिटी में एक खलीफा के शासन की और यूरोप की आबादी में भारी गिरावट की. बाबा वेंगा को 'बाल्कन की नास्त्रेदमस' कहा जाता है और उनकी कई भविष्यवाणियां आज तक सटीक साबित हुई हैं. क्या सच में 2043 तक यूरोप की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी और यह महाद्वीप सुनसान हो जाएगा? तो आइए जानते हैं उनकी भविष्यवाणियों के बारे में विस्तार से.
बाबा वेंगा कौन थीं?
बाबा वेंगा का असली नाम वांगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा था. उनका जन्म 1911 में आज के नॉर्थ मैसेडोनिया में हुआ था. 12 साल की उम्र में एक बवंडर के कारण वे अंधी हो गईं, लेकिन उनके समर्थकों के अनुसार तब से उन्हें भविष्य देखने की अद्भुत शक्ति प्राप्त हो गई. 30 वर्ष की उम्र तक वे भविष्यवाणी और उपचार के लिए प्रसिद्ध हो गई थीं. बुल्गारिया के राजा बोरिस तृतीय और सोवियत नेता लियोनिद ब्रेजनेव तक उनसे सलाह लेने आते थे.
बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां और इस्लामिक स्टेट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाबा वेंगा ने 'ग्रेट मुस्लिम वॉर' की भविष्यवाणी की थी. उनका कहना था कि 2010 में अरब स्प्रिंग के दौरान शुरू हुआ संघर्ष आगे चलकर यूरोप में मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले में तब्दील होगा. उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में केमिकल युद्ध का भी इस्तेमाल होगा. बाबा वेंगा ने साफ तौर पर कहा था कि 2043 तक रोम के केंद्र में एक खलीफा का शासन होगा, जो इस्लामिक स्टेट के आतंकवाद की तरफ इशारा करता है.
क्या 2044 तक यूरोप पूरी तरह बदल जाएगा
वेंगा के अनुसार यूरोप 2044 के अंत तक वैसा नहीं रहेगा जैसा आज हम देखते हैं. उनकी भविष्यवाणी में कहा गया है कि पूरी आबादी इधर-उधर होगा और महाद्वीप लगभग सुनसान हो जाएगा. उनके शब्दों में, यूरोप लगभग खाली हो जाएगा, और बंजर भूमि बन जाएगी जहां जीवन का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा. यह भविष्यवाणी आज की राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों के बीच और भी प्रासंगिक लगती है.


