वास्तु के अनुसार घर के मंदिर में इन चीजों को भूलकर भी न रखें, वरना घट सकती है देवी-देवताओं की कृपा
वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर का मंदिर सही दिशा में हो और हमेशा चमकता-दमकता और साफ-सुथरा रहे, तो घर में सुख-शांति की बरसात अपने आप होने लगती है.

नई दिल्ली: घर का मंदिर सिर्फ पूजा-पाठ करने की जगह नहीं होता, बल्कि इसे पूरे घर की सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. हिंदू वास्तुशास्त्र के अनुसार, मंदिर की दिशा, स्वच्छता और उसमें रखी वस्तुएं व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं. जहां मंदिर सही दिशा में और साफ-सुथरा रहता है, वहां सदैव सुख, शांति और समृद्धि का वास माना जाता है.
लेकिन अक्सर लोग अनजाने में ऐसी वस्तुएं मंदिर में रख देते हैं जो शुभ नहीं मानी जातीं. ऐसी वस्तुएं न केवल देवी-देवताओं की कृपा को कम कर सकती हैं बल्कि घर में नकारात्मक ऊर्जा भी फैला सकती हैं. आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार किन चीजों को मंदिर में रखने से बचना चाहिए:-
टूटी या खंडित मूर्तियां न रखें
मंदिर में कभी भी टूटी या दरार वाली मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसी मूर्तियां नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होती हैं और घर की शांति भंग करती हैं. अगर किसी मूर्ति में दरार आ जाए, तो उसे पवित्र नदी या किसी तीर्थस्थल में विसर्जित कर देना चाहिए और उसकी जगह नई मूर्ति स्थापित करनी चाहिए.
नुकीली वस्तुएं रखें दूर
मंदिर में कैंची, चाकू, सुई या पिन जैसी नुकीली चीजें रखना अशुभ माना जाता है. ये वस्तुएं क्रोध, अस्थिरता और नकारात्मकता का प्रतीक होती हैं. इससे पूजा स्थल की पवित्रता भंग होती है. ऐसी वस्तुएं रसोई या किसी अन्य स्थान पर रखें, लेकिन मंदिर से दूर रखें.
एक से अधिक शंख न रखें
घर के मंदिर में एक समय पर सिर्फ एक ही शंख रखना शुभ माना गया है. वास्तुशास्त्र के अनुसार, हर शंख की अलग-अलग ऊर्जा होती है. कई शंख एक साथ रखने से ऊर्जाओं में टकराव होता है, जिससे घर में अस्थिरता और अशांति बढ़ सकती है.
गंदे कपड़े या झाड़ू न रखें
मंदिर में कभी भी गंदे कपड़े, झाड़ू या सफाई का सामान नहीं रखना चाहिए. मंदिर को हमेशा स्वच्छ, सुगंधित और सुव्यवस्थित रखना चाहिए. साफ-सफाई न होने पर वहां की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है.
माचिस या जली हुई तिल्ली रखें बाहर
माचिस का डिब्बा या जली हुई तिल्ली मंदिर में रखना अशुभ माना गया है. जली हुई तिल्ली को अशुद्ध समझा जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा फैलाती है. दीपक जलाने के बाद माचिस या तिल्ली को मंदिर से बाहर रख देना चाहिए.
वास्तुशास्त्र के अनुसार मंदिर को हमेशा शुद्ध, शांत और सकारात्मक वातावरण वाला स्थान बनाकर रखना चाहिए. मंदिर में रखी हर वस्तु का अपना प्रतीकात्मक महत्व होता है, इसलिए सावधानीपूर्वक ही वस्तुएं रखें ताकि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


