Bihar News : खुदनेश्वर धाम मंदिर यहां शिवलिंग के साथ होती है मजार की पूजा, जानिए इसकी पूरी कहानी

Khudneshwar Dham Temple : बिहार के समस्तीपुर जिले में खुदनेश्वर धाम महादेव मंदिर है. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ मजार की पूजा होती है.

Nisha Srivastava
Nisha Srivastava

Khudneshwar Dham Temple : भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं. इनमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख-ईसाई आदि शामिल है. कई बार धर्मों के बीच नफरत फैलाने का काम किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां पर शिवलिंग के बगल में मजार स्थित है. दरअसल बिहार के समस्तीपुर जिले में खुदनेश्वर धाम महादेव मंदिर है. जोकि जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ मजार की पूजा होती है.

क्या है खुदनेश्वर मंदिर की कहानी

खुदनेश्वर धाम महादेव मंदिर पूरे भारत का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर शिवलिंग के साथ मजार की पूजा-अर्चना की जाती है. सावन के महीने में यहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं महादेव के दर्शन करने आते है और भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. इसके अलावा सावन में मेले का भी आयोजन किया जाता है. ये मंदिर प्रदेश के फेमस पर्यटन स्थल में भी शामिल है. इस मंदिर को बाबा खुदनेश्वर धाम, खुदनेश्वर स्थान, खुदनेश्वर महादेस मंदिर समेत कऊ नामों के जाना जाता है.

खुदनेश्वर मंदिर का इतिहास

ऐसी मान्यताएं है कि खुदनेश्वर धाम मंदिर का नाम एक खुदनी बीबी नाम की मुस्लिम महिला के नाम पर रखा गया है. यह मंदिर करीब 700 साल पुराना है. पहले यहां पर जंगल होता था और खुदनी बीबी अपनी गाय को चराने लेकर आती थी, एक दिन घर जाकर उसने गाय को खुंटे से बांध दिया. फिर उसने दूध दूहने की कोशिश की तो दूध नहीं निकला. कुछ दिन तक ऐसा ही हुआ फिर एक दिन गाय को चराने ले गई फिल देखा कि एक खास जगह पर गाय थन से दूध गिरा रही है.

उसी रात को खुदनी के सपने में भगवान शिव आए और उन्होंने बोला जंगल में देखी गई जगह के बारे में किसी को न बताएं. लेकिन उसने अपने परिवार को सब बता दिया. उसी रात उसकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिवार ने जगल में उसी जगह पर उसे दफनाने के लिए गए. कब्र खोदने समय कुदाल शिवलिंग से टकराई और वहां खून बहने लगा. फिर लोगों ने दूसरा कब्र खोदकर खुदनी बीबी को दफना दिया. बाद में हिन्दू-मुस्लिम धर्म के लोगों ने मिलकर शिवलिंग के साथ खुदनी के मजार की पूजा की.

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04 July 2023, 04:09 PM IST

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