Ganesh Chaturthi 2023: आज पूरे देश भर में गणेश चतुर्थी का उत्साव मनाया जा रहा है जिसके लिए लोग कई महीने पहले से ही तैयारिया शुरू कर देते हैं . भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नहर्ता को घर -घर में विराजमान किया जा रहा है. वैसे तो कई लोग डेढ़ दिन, 5 दिन, या 7 दिन बाद गणेश विसर्जन कर देते हैं, लेकिन वस्ताव में गणेश विसर्जन 10 के बाद ही किया जाता है. कभी आपने सोचा है कि गणेश विसर्जन 10 के बाद ही क्यों किया जाता है आखिर इसकी पीछे का क्या कारण हो सकता है.

आज के दिन की गई महाभारत की रचना

शास्त्रों के में ऐसे कई कथाएं हैं जिसके बारे में भगवान गणेश जी की जिक्र किया जाता है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणेश जी का जन्म हुआ था. साथ ही कथाओं में बताया जाता है कि आज के दिन महाभारत की रचना के लिए गणेशजी से महर्षि वेदव्यास ने प्रार्थना की थी.

गणेस जी का कहना है कि उत्तर में गणेश जी ने कहा था कि वह लिखना आरंभ करेंगे तो कलम नहीं रोकेंगे और यदि कलम रुक गई तो वहीं लिखना बंद कर देंगे.तब महर्षि वेदव्यास ने कहा कि भगवान आप विद्वानो से सबसे आगे हैं और मैं एक साधारण सा ऋषि हूं यदि श्लोक में किसी भी तरह की कोई गलती है तो आप मुझे माफ कर दें. इस तरह महाभारत लेखन शुरू हुा और करीब 10 दिनों तक चला .

किसी भी शुभ कार्य  के लिए करें सबसे पहले गणेश पूजा

यह काम जब खत्म हुआ तो भगवान गणेश जी ने अपना शरीर साफ किया. इसीलिए गणपति स्थापना 10 दिन के लिए का जाती है.सनातन धर्म में गणेश जी मुख्य देवी-देवताओं में से एक हैं. किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है. इसलिए इन्हें प्रथम पूज्य देव भी कहा जाता है.  भगवान गणेश जी पूजा करने से व्यक्ति के सभी काम बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं।