सपने में आएं मृत परिजन तो घबराएं नहीं, जानें प्रेमानंद महाराज का जवाब
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने पूछा कि सपने में मृत संबंधी दिखाई दें तो उसका क्या अर्थ होता है. महाराज ने इस सवाल का आध्यात्मिक रूप से सरल और संतुलित उत्तर दिया.

प्रेमानंद महाराज आज एक ऐसे संत हैं जिन्हें देश ही नहीं, विदेशों तक में लोग जानते हैं. वृंदावन के इस आध्यात्मिक गुरु के दुनियाभर में करोड़ों अनुयायी हैं. इनमें आम लोगों के साथ-साथ मशहूर हस्तियां भी शामिल हैं. विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी उनके भक्तों में गिने जाते हैं. प्रतिदिन हजारों लोग अपनी परेशानियों और जीवन से जुड़ी जिज्ञासाओं के समाधान के लिए उनके पास आते हैं.
तीन प्रकार के होते हैं सपने
ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल किया कि अगर सपनों में मृत परिजन दिखाई दें तो इसका क्या मतलब होता है? इस सवाल का जवाब देते हुए महाराज ने बताया कि सपने मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं. पहला, जिसमें हमारे मृत रिश्तेदार दिखाई देते हैं. दूसरा, जिनमें भगवान, देवी-देवता या संतों के दर्शन होते हैं. तीसरा, जिनका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं होता.
मृत परिजनों का दिखना कोई चिंता नहीं
उन्होंने समझाया कि सपनों में मृत परिजनों का आना कोई डर या चिंता की बात नहीं है. हमारे मन और आत्मा का जुड़ाव कई लोगों से होता है, जिनमें जीवित और मृत दोनों हो सकते हैं. यदि मृत परिजन सपने में दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपने कोई गलती की है या कोई अनहोनी होने वाली है.
महाराज ने सुझाव दिया कि ऐसे समय में दान-पुण्य की आदत अपनानी चाहिए. यह एक सामान्य लेकिन पवित्र परंपरा है, जिससे न सिर्फ आत्मा को शांति मिलती है बल्कि पूर्वजों की आत्मा भी संतुष्ट होती है. जल और अन्न का दान एक शुभ कार्य माना जाता है, जो पूर्वजों तक ऊर्जा के रूप में पहुंचता है.
बुजुर्गों की सेवा सबसे बड़ा पुण्य
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हमारे घर के बुजुर्ग जीवित हों, उनकी सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य है. उनके निधन के बाद दान-पुण्य, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्य करने चाहिए, जिससे आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.


