जगन्नाथ रथ यात्रा में जाएं तो ये चीजें जरूर लाएं, मां लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा, नहीं होगी धन और अन्न की कमी
जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास और दिव्यता का अनमोल संगम है. हर वर्ष लाखों Jagannath Rath Yatra 2025: श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथों को खींचने के लिए पुरी सहित देशभर के विभिन्न शहरों में जुटते हैं. मान्यता है कि रथ यात्रा में शामिल होने से जहां अपार पुण्य की प्राप्ति होती है, वहीं अगर कुछ विशेष पवित्र वस्तुएं इस यात्रा से अपने घर लायी जाएं, तो जीवन में कभी भी पैसों, अन्न या सुख-शांति की कमी नहीं होती.

Jagannath Rath Yatra 2025: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा न सिर्फ आस्था और भक्ति का पर्व है, बल्कि यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी मानी जाती है. हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु इस पावन यात्रा में शामिल होते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के रथों को खींचकर पुण्य अर्जित करते हैं.
मान्यता है कि इस रथ यात्रा में भाग लेने के साथ-साथ यदि भक्त कुछ विशेष और पवित्र वस्तुएं अपने घर लेकर जाएं, तो उनके जीवन में कभी भी धन, अन्न या सौभाग्य की कमी नहीं होती. इस साल रथ यात्रा 27 जून 2025 से शुरू हो रही है. अगर आप इस महायात्रा का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो इन चीजों को जरूर साथ लाना चाहिए.
निर्माल्य (सूखा चावल) अन्नपूर्णा की कृपा का प्रतीक
निर्माल्य, भगवान जगन्नाथ को अर्पित किया गया सूखा चावल होता है, जिसे प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है. यह चावल कोइली (मंदिर रसोई) में पकाया जाता है और फिर सूर्य की रोशनी में सुखाकर लाल रंग की पोटली में रखा जाता है.
मान्यता है कि जिस घर में निर्माल्य होता है, वहां कभी अन्न की कमी नहीं होती. इसे चावल के डिब्बे में रखने से घर में अन्न की बरकत बनी रहती है.किसी भी शुभ कार्य या नए व्यापार की शुरुआत में एक दाना प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है. मृत्यु के समय इसे खाने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है.
2. जगन्नाथ मंदिर की बेंत (छड़ी)
रथ यात्रा के दौरान भगवान की सेवा में प्रयोग होने वाली बेंत या छड़ी को पवित्र माना जाता है. इसे स्पर्श कर भक्त अपने जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर करते हैं.
मान्यता है कि इसे घर के पूजा स्थान या तिजोरी में रखने से मां लक्ष्मी का वास होता है. यह दुख, दरिद्रता और बाधाओं से रक्षा करती है. परंपरा के अनुसार, बेंत से घर के सदस्यों को हल्का स्पर्श कराया जाता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
3. रथ की पवित्र लकड़ी
रथ यात्रा के दौरान भगवान के विशाल रथ नीम की पवित्र लकड़ी से बनाए जाते हैं, जिन्हें यात्रा के बाद विधिवत तोड़ दिया जाता है.मान्यता है कि यदि भक्तों को इस रथ की लकड़ी का छोटा टुकड़ा प्राप्त हो जाए, तो यह अत्यंत शुभ होता है. इसे पूजा स्थान में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह बाधाओं को दूर कर जीवन में सफलता और समृद्धि का रास्ता खोलता है.
4. तुलसी की माला
भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और तुलसी उन्हें अत्यंत प्रिय है. मान्यताओं के अनुसार रथ यात्रा से लौटते समय तुलसी की माला लाना बेहद शुभ होता है. इससे घर का वातावरण पवित्र रहता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. इसे पूजा स्थान पर रखने या रोज पहनने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है.


