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ज्येष्ठ माह 2025: जानें इस पवित्र हिंदू महीने का महत्व, पूजा विधि, क्या करें और क्या ना करें

ज्येष्ठ मास, जो 13 मई से शुरू हुआ है, अत्यधिक गर्मी और जल के महत्व के लिए जाना जाता है. इस महीने में विशेष पूजा, जल दान और व्रत किए जाते हैं, जो ग्रह दोषों से मुक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम माने जाते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की शुरुआत 13 मई 2025 से हो गई है, जो 11 जून तक रहेगा. ये महीना गर्मी और तपिश के लिए जाना जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण नदियां और तालाब सूखने लगते हैं. इस समय जल का अत्यधिक महत्व होता है. धार्मिक दृष्टिकोण से, इस महीने में भगवान हनुमान, सूर्य देव और वरुण देव की पूजा का विशेष महत्व है. इसके अलावा, ज्येष्ठ माह को ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए पूजा, व्रत और दान किए जाते हैं.

ज्येष्ठ मास में खास पूजा और व्रत

ज्येष्ठ मास में विशेष रूप से भगवान हनुमान, सूर्य देव और वरुण देव की पूजा की जाती है. वरुण देव जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और भगवान हनुमान काली युग में हमारे रक्षक माने जाते हैं. ज्येष्ठ मास में व्रत और दान करने से ग्रह दोषों की शांति होती है और विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे प्रमुख व्रत भी मनाए जाते हैं.

ज्येष्ठ माह में विशेष पूजा का महत्व

ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा का महत्व ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी माह में भगवान हनुमान ने भगवान राम से मुलाकात की थी. मंगलवार को हनुमान पूजा करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और आशीर्वाद मिलता है.

जल दान और परोपकार का महत्व

ज्येष्ठ माह में जल का दान अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. इस समय प्यासे पक्षियों और जानवरों को पानी देना विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है. जल दान से जीवन की परेशानियां कम होती हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके अलावा, सार्वजनिक जल केंद्र (प्याऊ) लगाना, जलकुंड या तालाबों का संरक्षण करना भी इस माह में बहुत शुभ माना जाता है.

ज्येष्ठ माह में किन बातों से बचना चाहिए

  • इस माह में दिन में सोने से बचना चाहिए, क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

  • अत्यधिक मसालेदार भोजन से बचें और एक बार में ही भोजन करें.

  • गर्मी के कारण लहसुन, सरसों जैसे गर्म खाद्य पदार्थों से परहेज करें.

  • बैगन का सेवन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अशुभ माना जाता है.

  • कभी भी प्यासे व्यक्ति को बिना पानी दिए ना जाने दें.

  • इस माह में बड़े बच्चों की शादी नहीं करनी चाहिए.

  • पानी का सदुपयोग करें और पानी की बर्बादी से बचें, क्योंकि गर्मी के कारण शरीर में जल की कमी हो सकती है.

ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर का सबसे पुण्यकारी महीना माना जाता है. इसे मंगल ग्रह द्वारा शासित किया जाता है, जो वीरता और साहस का प्रतीक है. इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है और इसे भगवान विष्णु के लिए समर्पित माना जाता है. हर मंगलवार को विशेष रूप से बड़ा मंगल या बडवा मंगल मनाया जाता है. ये माना जाता है कि इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Disclaimer: ये आर्टिकल केवल मान्यताओं पर आधारित है और इसे सामान्य मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए. Jbt किसी भी दावे या जानकारी की सटीकता या वैधता का दावा नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें. 

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15 May 2025, 06:10 PM IST

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