Kailash Mansarovar Yatra 2025: 30 जून से शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा, जानें कैसे करें अप्लाई
Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है. यात्रा के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है. कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालु kmy.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

Kailash Mansarovar Yatra 2025: चार साल के लंबे अंतराल के बाद, पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में फिर से शुरू होने जा रही है. भगवान शिव के भक्तों के लिए यह खबर किसी आशीर्वाद से कम नहीं है, क्योंकि इस यात्रा के दौरान वे कैलाश पर्वत की पवित्र धरती तक पहुंचने का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे. यह यात्रा इस बार उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे और सिक्किम के नाथू ला पास के रास्ते से होकर गुजरने वाली है. श्रद्धालु इस यात्रा के लिए आवेदन कर सकते हैं और यात्रा की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है.
इस वर्ष के लिए यात्रा की शुरुआत 30 जून से होगी, और इच्छुक यात्री ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. यात्रा के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिसमें कंप्यूटर द्वारा चयन किया जाएगा. इस यात्रा में कुल पांच जत्थे होंगे, जिसमें हर जत्थे में 50 लोग शामिल होंगे, और यात्रा के लिए कुल 250 यात्री चयनित किए जाएंगे. अगर आप भी इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो आवेदन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानें.
कैसे करे यात्रा के लिए अप्लाई
कैलाश मानसरोवर यात्रा में शामिल होने के इच्छुक श्रद्धालु kmy.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और कंप्यूटर द्वारा चयन किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की सिफारिश या भेदभाव से बचा जा सके. वेबसाइट पर आवेदन करने के साथ ही आप फीडबैक और सवालों के लिए भी विकल्प पा सकते हैं.
कैलाश मानसरोवर यात्रा का पूरा प्लान
कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत दिल्ली से होगी और यात्री पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख दर्रे से होते हुए कैलाश मानसरोवर तक पहुंचेंगे. इस यात्रा में हर जत्थे में 50 यात्री होंगे, और कुल पांच जत्थे यात्रा करेंगे, यानी कुल 250 यात्री इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनेंगे. पहला जत्था 10 जुलाई 2025 को लिपुलेख दर्रा पार करके चीन में प्रवेश करेगा, और यात्रा 22 अगस्त 2025 को समाप्त होगी जब अंतिम जत्था भारत लौटेगा. यात्रा के दौरान टनकपुर, धारचूला, गुंजी, और नाभीढांग में विश्राम किया जाएगा. वापसी यात्रा में यात्री बूंदी, चौकोड़ी, और अल्मोड़ा में भी रुकेंगे, और फिर दिल्ली वापस पहुंचेंगे.
मेडिकल टेस्ट और अन्य आवश्यकताएं
यात्रा में शामिल होने के लिए चयनित श्रद्धालुओं को यात्रा से पहले मेडिकल टेस्ट और ब्रीफिंग सेशन में भाग लेना अनिवार्य होगा. इस यात्रा के मार्ग में मौसम की चुनौतियाँ और कठिन रास्ते हैं, इसलिए शारीरिक फिटनेस और पूरी तैयारी जरूरी है. दिल्ली और गुंजी में ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) द्वारा मेडिकल जांच की जाएगी. यात्रा के सभी निर्देशों के लिए kmy.gov.in वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक करने की सलाह दी जाती है.
क्यों लगी थी यात्रा पर रोक?
कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी होती है. 2020 में कोरोना वायरस और भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण इसे रोक दिया गया था. विशेष रूप से गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी, जिसके चलते यात्रा पर रोक लगाना पड़ा. हालांकि, अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई, और इस बैठक के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया.
कैलाश मानसरोवर का धार्मिक महत्व
कैलाश मानसरोवर का नाम मानस यानी मन और सरोवर यानी झील से आया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस झील की रचना भगवान ब्रह्मा ने अपने मन से की थी. कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, और यह स्थल हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए अत्यंत पवित्र है. यह यात्रा न केवल शरीर की, बल्कि आत्मा की भी परीक्षा है, जहां हर कदम पर श्रद्धा, धैर्य और भक्ति का संगम होता है.


