घर में टूटा शीशा रखना अशुभ, तुरंत बाहर निकालें वरना सुख-शांति और धन पर पड़ सकता है बुरा असर!
वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटा हुआ शीशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर के माहौल को भारी बना देता है. शीशा हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और सुंदरता को दर्शाता है. जब यह टूट जाता है, तो मानो घर की सकारात्मक ऊर्जा भी खंडित हो जाती है और निगेटिविटी हावी होने लगती है.

नई दिल्ली: वास्तु शास्त्र को भारतीय परंपरा में एक प्राचीन विज्ञान माना जाता है, जिसमें घर, भवन और आसपास की वस्तुओं के माध्यम से जीवन में संतुलन और सकारात्मकता बनाए रखने के नियम बताए गए हैं. मान्यता है कि यदि घर में ऊर्जा का प्रवाह सही रहता है, तो व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
वहीं, वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिनका घर में होना अशुभ माना जाता है. इन्हीं में से एक है टूटा हुआ शीशा. वास्तु मान्यताओं के मुताबिक, टूटे शीशे को घर में रखना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जिसका असर पूरे परिवार पर पड़ सकता है.
वास्तु में क्यों अशुभ माना जाता है टूटा हुआ शीशा
वास्तु शास्त्र में टूटे हुए शीशे को नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है. शीशा व्यक्ति की छवि और व्यक्तित्व का प्रतीक होता है. जब शीशा टूट जाता है, तो माना जाता है कि घर में सकारात्मक ऊर्जा कमजोर पड़ने लगती है और नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है. इसका प्रभाव धीरे-धीरे घर के सभी सदस्यों पर पड़ने लगता है.
घर में बढ़ता है मनमुटाव
टूटे कांच या शीशे से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर के वातावरण को प्रभावित करती है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर विवाद शुरू हो जाते हैं. परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव और अशांति बढ़ने लगती है. बिना किसी बड़ी वजह के गुस्सा, तनाव और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है.
कामों में आने लगती हैं रुकावटें
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, यदि घर में टूटा हुआ शीशा रखा रहता है, तो व्यक्ति के कामों में रुकावटें आने लगती हैं. बने हुए काम बिगड़ सकते हैं और हर प्रयास में बाधा महसूस होती है. पढ़ाई हो या नौकरी, हर क्षेत्र में सफलता मिलने में देरी होने लगती है.
बढ़ सकती हैं आर्थिक परेशानियां
वास्तु के अनुसार, घर में टूटा शीशा आर्थिक नुकसान का संकेत भी माना जाता है. ऐसे घरों में पैसों की तंगी बनी रह सकती है. कमाई के रास्ते में अड़चनें आती हैं और अचानक खर्च बढ़ जाते हैं. मेहनत के बावजूद पैसा टिकता नहीं है और नौकरी या कारोबार में नुकसान की स्थिति बनने लगती है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


