यमराज की बहन यमी का विवाह, कौन था उनका भाग्यवश शादी के योग्य?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यमराज की एक बहन भी हैं? उनकी बहन का नाम यमी या कांलिदी है. यमी, सूर्यदेव की पुत्री हैं और शनिदेव की भी बहन हैं.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यमराज की एक बहन भी हैं? उनकी बहन का नाम यमी या कांलिदी है. यमी सूर्यदेव की बेटी हैं और शनिदेव की बहन हैं. यमी यमुना नदी के रूप में पृथ्वी पर बहती हैं और पौराणिक कथाओं में उन्हें देवी का दर्जा प्राप्त है.
कहा जाता है कि यमुना भगवान विष्णु से बहुत प्यार करती थीं, इसलिए उन्होंने भगवान विष्णु की तपस्या की. भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि जब वे द्वापर युग में आएंगे, तो उनसे विवाह करेंगे. द्वापर युग में जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और वह वासुदेव के सिर पर रखी टोकरी में बैठकर यमुना नदी को पार कर रहे थे, तब यमुना ने उनके पैर छुए थे. बचपन में श्रीकृष्ण यमुना के किनारे खेलते थे.
यमुना जी के रूप में एक स्त्री से मुलाकात
बाद में यमुना नदी कालिन्दी के रूप में खांडव वन में रहती थीं. इसी वन के पास पांडवों का नगर इंद्रप्रस्थ था. एक दिन श्रीकृष्ण और अर्जुन जब जंगल में घूम रहे थे, तो उन्हें प्यास लगी और शीतलता का अनुभव हुआ. थोड़ी दूर जाने पर उन्हें यमुना जी के रूप में एक स्त्री से मुलाकात हुई.
श्रीकृष्ण ने यमुना जी को अपना परिचय दिया
श्रीकृष्ण ने यमुना जी को अपना परिचय दिया, और उन्होंने विवाह के वरदान वाली बात याद दिलाई. फिर उसी वन में यमुना और श्रीकृष्ण का विवाह हुआ. श्रीकृष्ण ने यमुना जी को पूजनीय होने का वरदान दिया, और इसके बाद यमुना अपनी धारा में समा गईं.यहा जानाकरी हम नहीं दे रहे बल्कि धार्मिक मान्याताओं पर आधारित है.


