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Navratri Day 3 Chandraghanta Mata: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की होती है पूजा, जानिए विधि, भोग, रंग और आरती

Navratri Day 3 Chandraghanta Mata: शारदीय नवरात्रि का आज तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है. यह दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है जिनकी कृपा से मन को शांति और हृदय को बल मिलता है. तो आइए जानते हैं तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का सरल और प्रभावी तरीका क्या है साथ ही यह भी जानें कि मां को कौन-सा भोग लगाकर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Navratri Day 3 Chandraghanta Mata: नवरात्रि हिंदू धर्म में शक्ति उपासना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है जिनमें प्रत्येक दिन एक विशेष देवी को समर्पित होता है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विविध रूपों की पूजा कर भक्त उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं.

आज शारदीय नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन है जिसे मां चंद्रघंटा की उपासना का विशेष दिन माना जाता है. मां चंद्रघंटा, देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार में घंटा होता है, इसी कारण उन्हें ‘चंद्रघंटा’ कहा जाता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, पसंदीदा भोग, रंग और आरती क्या है?

नवरात्रि के तीसरे दिन कौन-से रंग के वस्त्र पहनें?

मां चंद्रघंटा को लाल और पीला रंग अत्यंत प्रिय है. ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन भक्तों को लाल रंग के वस्त्र धारण करने की सलाह दी जाती है. पूजा के समय भी मां को लाल रंग के वस्त्र और पुष्प अर्पित करना विशेष फलदायक माना गया है.

मां चंद्रघंटा का पूजन मंत्र

मां चंद्रघंटा की आराधना के दौरान “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप अत्यंत शुभ माना गया है. इस मंत्र का जाप करने से देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं.

मां चंद्रघंटा को अर्पित करें यह भोग

मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाइयां विशेष रूप से प्रिय हैं. नवरात्रि के तीसरे दिन भक्तगण मां को केसर युक्त खीर, लौंग, इलायची, पंचमेवा, पेडे़ या मिश्री का भोग अर्पित कर सकते हैं. इस भोग से मां चंद्रघंटा शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल देती हैं.

मां चंद्रघंटा को चढ़ाएं यह शुभ फूल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां चंद्रघंटा को कमल का पुष्प चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है. यह फूल शांति, शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है, जिसे मां चंद्रघंटा विशेष रूप से पसंद करती हैं.

कैसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा?

  • ब्रह्म मुहूर्त में जागें: नवरात्रि के तीसरे दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करें.

  • शुद्ध वस्त्र धारण करें: स्नान के बाद स्वच्छ लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें.

  • पूजा स्थल की सफाई: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और पुराने फूल हटा दें.

  • मूर्ति स्थापना: मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.

  • धूप-दीप से आवाहन: मां का ध्यान करते हुए धूप-दीप जलाएं और उनका आवाहन करें.

  • श्रृंगार करें: मां को स्नान कराकर रोली, चंदन, अक्षत व पुष्प अर्पित करें.

  • भोग अर्पण: दूध से बनी मिठाई या शहद का भोग लगाएं.

  • मंत्र जाप: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जप करें.

  • पाठ एवं आरती: दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करें और आरती करें.

  • प्रसाद वितरण: पूजा उपरांत प्रसाद सभी में वितरित करें.

मां चंद्रघंटा की आरती

जय मां चन्द्रघण्टा सुख धाम. पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती. चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
मन की मालक मन भाती हो. चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली. हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये. श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए. सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥
शीश झुका कहे मन की बाता. पूर्ण आस करो जगत दाता॥
कांचीपुर स्थान तुम्हारा. कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥
नाम तेरा रटू महारानी. भक्त की रक्षा करो भवानी॥

Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.

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24 September 2025, 07:51 AM IST

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