पौष पुत्रदा एकादशी पर भूलकर भी न करें इन चीजों का दान, वरना 2026 में खराब हो सकता है आपका भाग्य
पौष पुत्रदा एकादशी संतान प्राप्ति और पारिवारिक सुख के लिए बेहद खास व्रत है. इस दिन पूजा, व्रत और दान का विशेष महत्व है. लेकिन ध्यान रखें, कुछ चीजों का दान करने से बचें, वरना आने वाली खुशियां पहले ही लौट सकती हैं.

नई दिल्ली: पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पौष एकादशी कहा जाता है. इस वर्ष यह पावन तिथि 30 दिसंबर को पड़ रही है और खास बात यह है कि यह साल 2025 की अंतिम एकादशी भी है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से किए गए व्रत, पूजा और दान से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
साल की आखिरी एकादशी होने के कारण इसका पुण्य प्रभाव आने वाले नए साल 2026 तक माना जाता है. यही वजह है कि इस दिन किसी भी ऐसे कार्य से बचने की सलाह दी जाती है, जो भविष्य में अशुभ परिणाम दे सकता है. पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख, परिवार की उन्नति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है.
पौष पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी पर श्रद्धा और नियमों के साथ पूजा-पाठ करने से संतान से जुड़े कष्ट दूर होते हैं. इस तिथि पर दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है, लेकिन शास्त्रों में कुछ वस्तुओं के दान को वर्जित बताया गया है. माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से पुण्य के स्थान पर अशुभ फल मिल सकता है.
पौष पुत्रदा एकादशी पर क्या दान न करें
लोहा और काली वस्तुएं
शास्त्रों के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी के दिन लोहा या लोहे से बनी किसी भी वस्तु का दान नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही काले तिल और काले वस्त्र का दान भी वर्जित माना गया है. मान्यता है कि इन चीजों का संबंध शनि और नकारात्मक प्रभावों से होता है, जिससे जीवन में बाधाएं बढ़ सकती हैं.
तेल का दान
पौष पुत्रदा एकादशी पर तेल का दान करने से भी बचना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तेल दान करने से संतान सुख में रुकावट आ सकती है और आर्थिक परेशानियां बढ़ने की आशंका रहती है.
नमक का दान
इस पावन तिथि पर भूलकर भी किसी को नमक का दान न करें और न ही नमक उधार दें. ऐसा करने से पुण्य के बजाय पाप का भागीदार बनने की बात शास्त्रों में कही गई है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


