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'काल का ध्यान नहीं तो महाकाल का शिकार...', पुलिस मंथन में CM योगी ने सिखाया टाइम मैनेजमेंट

उत्तर प्रदेश पुलिस के 'पुलिस मंथन-2025' सम्मेलन का समापन बड़े उत्साह के साथ हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसिंग में नवाचार, बेहतर संवाद और समय प्रबंधन पर प्रेरक संदेश दिए. जिसमे 2022-2025 के बीच शानदार प्रदर्शन करने वाले 16 जांबाज पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने की घोषणा की गई.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में आयोजित ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 का शनिवार को समापन हुआ. दो दिवसीय इस सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसे एक अभिनव और दूरदर्शी पहल बताया. उन्होंने डीजीपी समेत पूरी पुलिस टीम को सफल मंथन के लिए बधाई दी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले दो दिनों में विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जो रोडमैप तैयार किया गया है, वह उत्तर प्रदेश की पुलिसिंग को नई दिशा देगा. यह मंथन आने वाले वर्षों में कानून-व्यवस्था, तकनीक और जनविश्वास को और मजबूत करने में सहायक साबित होगा.

PM मोदी की डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस से प्रेरित पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस से प्रेरित है. इसी तर्ज पर पुलिस मंथन का आयोजन किया गया, ताकि समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए नए नवाचारों और प्रभावी पहलों पर मंथन किया जा सके.

यूपी सिविल पुलिस फोर्स

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में करीब 4 लाख की सिविल पुलिस फोर्स कार्यरत है. इसके लिए सरकार ने बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. सम्मेलन के दौरान पुलिस व्यवहार को लेकर भी प्रस्तुतियां दी गईं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में जनता की पुलिस के प्रति धारणा में बड़ा और सकारात्मक बदलाव आया है.

समय प्रबंधन पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे अपने समय का बेहतर उपयोग करें. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति महाकाल का शिकार इसलिए होता है, क्योंकि वह काल का ध्यान नहीं रखता है. लेकिन यहां पर मुझे लगता है कि आपने काल का ध्यान रखा है तो महाकाल भी आपका सहयोग करेगा.

दंगों और अराजकता की सोच को बदला

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पहले की तरह प्रदेश में दंगे, गुंडागर्दी और अराजकता होती तथा महीनों तक कर्फ्यू लगता, तो पुलिस के प्रति धारणा नहीं बदल पाती. उन्होंने कहा कि सरकार ने आउट ऑफ बॉक्स सोच के साथ, लेकिन हमेशा कानूनी दायरे में रहकर काम किया. इसी का परिणाम है कि आज हर कोई मानता है कि उत्तर प्रदेश में वास्तविक बदलाव आया है.

सुरक्षा से जुड़ा है विकास का भरोसा

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर प्रदेश में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती, तो इतना बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा नहीं हो पाता. आज उत्तर प्रदेश के पास देश की सबसे बेहतर एयर कनेक्टिविटी है और अगले महीने देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी शुरू होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि निवेशक प्रदेश में इसलिए निवेश करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा है.

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिसने भी कानून को ठेंगा दिखाने का प्रयास किया, यूपी पुलिस ने उसका गिरेबां पकड़कर उसे कानून के दायरे में लाने का काम किया है.उन्होंने बताया कि उन्हें अधिकतर सूचनाएं ह्यूमन इंटेलिजेंस के माध्यम से मिलती हैं, इसी वजह से वह जनता दरबार के जरिए सीधे लोगों से संवाद करते हैं.

ह्यूमन इंटेलिजेंस और संवाद पर जोर

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ह्यूमन इंटेलिजेंस को मजबूत करने के लिए निरंतर संवाद जरूरी है. पीस कमेटी की बैठकें केवल त्योहारों के समय ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल मुख्यालय में बैठकर पुलिसिंग संभव नहीं है, बल्कि थाना, सर्किल और पुलिस लाइन के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है.

‘राजनीतिक हस्तक्षेप 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिसिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप को न्यूनतम किया है. अफसरों को कम से कम दो साल की तैनाती की स्थिरता दी गई है. उन्होंने कहा कि अच्छे अफसर के तबादले पर सिफारिशें आती हैं, लेकिन भ्रष्ट अफसर को हटाने पर आम लोग खुद उसकी शिकायत करते हैं.

महिला पुलिस की भागीदारी

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सरकार बनने के समय प्रदेश के 10 ऐसे जिले थे, जहां दशकों से पुलिस लाइन नहीं थी. उनकी सरकार ने वहां पुलिस लाइन का निर्माण कराया. ह्यूमन रिसोर्स बढ़ाने के साथ ही महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी 13 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत तक पहुंच गई है. उन्होंने मिशन शक्ति के तहत कार्यरत महिला पुलिसकर्मियों को स्कूटी देने पर भी जोर दिया.

पुलिस मंथन को हर साल आयोजित करने का सुझाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन जैसे कार्यक्रम को हर साल कैलेंडर का हिस्सा बनाया जाना चाहिए और इसका आयोजन हर वर्ष दिसंबर के अंतिम सप्ताह में होना चाहिए. साथ ही, अच्छे कार्यों को इस मंच पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए.

Yaksh ऐप और Crime GPT की लॉन्चिंग

दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने Yaksh ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के जरिए बीट सिपाही से लेकर जोनल अफसर तक किसी भी अपराधी की पूरी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी. इसमें फेस रिकॉग्निशन और वॉयस रिकॉग्निशन जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं. Yaksh ऐप में ChatGPT की तर्ज पर Crime GPT टूल भी जोड़ा गया है, जिससे अपराध से जुड़े डेटा का विश्लेषण और त्वरित जानकारी मिल सकेगी.

पुलिसकर्मियों को मिला सेवा

सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2022 से 2025 के बीच उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया.

वर्ष 2022 के लिए

  • बरेली के तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी

  • इंटेलिजेंस मुख्यालय लखनऊ के एडिशनल एसपी विनय चंद्रा

  • मुरादाबाद के इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह

  • लखीमपुर खीरी इंटेलिजेंस विभाग के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार डांडियाल

  • हापुड़ की इंस्पेक्टर मनु चौधरी

वर्ष 2023 के लिए

  • मथुरा के तत्कालीन एसएसपी शैलेश कुमार पांडे

  • लखनऊ एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह

  • इंटेलिजेंस विभाग लखनऊ के इंस्पेक्टर विशाल सांगरी

  • एसटीएफ लखनऊ के हेड कांस्टेबल मनोज कुमार

  • नोएडा पुलिस कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल शैलेश कुंतल

वर्ष 2024 के लिए

  • बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य

  • एसटीएफ के डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह

  • बिजनौर के हेड कांस्टेबल अरुण कुमार

वर्ष 2025 के लिए

  • संभल के एसपी कृष्ण कुमार

  • एसटीएफ लखनऊ के डिप्टी एसपी प्रमेश शुक्ला

  • आगरा कमिश्नरेट की महिला कांस्टेबल प्रियांशी प्रजापति

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28 December 2025, 02:46 PM IST

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