छठ पूजा का आज है खरना, भूलकर भी न करे ये गलतियों, जानें पूजा का सही विधि विधान
खरना का दिन छठ पूजा का एक खास और पवित्र हिस्सा है जहां भक्त सूर्य देव और छठी मइया की भक्ति में डूब जाते हैं. इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि पूजा का पूरा फल मिले. साथ ही, कुछ ऐसी गलतियां हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

छठ खरना 2025: छठ पूजा का महापर्व 25 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ आरंभ हो चुका है और आज इस पर्व का दूसरा दिन है, जिसे विशेष रूप से खरना के दिन के रूप में मनाया जाता है. छठ पूजा में खरना का दिन अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी दिन से श्रद्धालु 36 घंटे के कठिन निर्जला उपवास की शुरुआत करते हैं. इस दिन का उद्देश्य शुद्धता और पवित्रता को बनाए रखना होता है ताकि पूजा के समस्त विधियां विधिपूर्वक पूरी हो सकें.
खरना के दिन श्रद्धालु पूरी तरह से शुद्धता का पालन करते हैं, साथ ही प्रसाद की तैयारी में विशेष सावधानी बरतते हैं. यह दिन न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में एकता और आस्था का प्रतीक भी है. आइए जानते हैं खरना का महत्व और इस दिन की पूजा विधि के बारे में.
खरना के दिन न करें ये गलतियां
छठ पूजा के दौरान खरना का दिन अत्यधिक पवित्र होता है, और इस दिन कुछ खास सावधानियों का पालन किया जाता है. जो खरना के दिन नहीं करनी चाहिए.
छठ पूजा में उपयोग होने वाले वस्तुओं को हमेशा साफ और पवित्र हाथों से ही छुआ जाना चाहिए. पूजा के समस्त सामान को हाथ धोकर या स्नान करके ही छूना चाहिए. यदि गलती से गंदे हाथों से इन वस्तुओं को छू लिया जाए तो वह सामग्री पूजा में उपयोग नहीं की जानी चाहिए.
प्रसाद बनाते समय स्वच्छता का ध्यान रखें
खरना के दिन प्रसाद बनाने वाली जगह का पूरी तरह से साफ-सुथरा होना चाहिए. किसी भी प्रकार की गंदगी से बचना चाहिए, ताकि प्रसाद की पवित्रता बनी रहे.
सेंधा नमक का ही उपयोग करें
खरना के प्रसाद में केवल सेंधा नमक का उपयोग करना चाहिए. सामान्य नमक का प्रयोग न करें, क्योंकि सेंधा नमक को शुद्ध और पवित्र माना जाता है, जो इस दिन की महत्व को बनाए रखने में सहायक होता है.
भोजन ग्रहण करने का सही समय
छठ पूजा के दौरान प्रसाद को सबसे पहले सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है. इसके बाद व्रति महिलाएं और अन्य परिवार सदस्य प्रसाद ग्रहण करते हैं. यह सुनिश्चित करें कि प्रसाद अर्पित करने से पहले न कोई खाद्य पदार्थ खाया जाए न कोई अन्य गतिविधि की जाए.
खरना पूजा विधि
खरना पूजा की विधि भी काफी विशेष होती है. इस दिन को सही तरीके से मनाने के लिए कुछ खास चरणों का पालन किया जाता है:
प्रातःकाल में शुद्धता का ध्यान रखें
खरना के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले घर की सफाई करें. इसके बाद स्नान करके साफ और आरामदायक वस्त्र पहनें. यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता का प्रतीक होता है.
पवित्र स्नान और पूजा-पाठ
स्नान करने के बाद व्रति पूजा-पाठ करें और दिनभर निर्जला व्रत रखें. शाम के समय फिर से स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल की सफाई करें और वहां पूजा की तैयारी करें.
प्रसाद की तैयारी
इस दिन प्रसाद को आम की लकड़ियों पर तैयार किया जाता है. आम की लकड़ी को पवित्र माना जाता है, और इससे प्रसाद की शुद्धता बनी रहती है. प्रसाद बनाने के बाद सबसे पहले छठी मैया को भोग अर्पित करें.
माता का ध्यान
पूजा संपन्न होने के बाद व्रति कुछ समय वहीं बैठकर माता का ध्यान करें और अपने मन को शांति प्रदान करें. इस समय पर श्रद्धा और आस्था की विशेष भूमिका होती है.
खरना का दिन छठ पूजा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में विशेष महत्व रखता है. इस दिन श्रद्धालु शुद्धता, पवित्रता और आस्था के साथ पूजा करते हैं, जिससे आने वाले दिनों के कठिन व्रत के लिए वे पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं. पूरी श्रद्धा और विधि के साथ खरना पूजा का आयोजन इस पर्व को और भी महात्म्यपूर्ण बना देता है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


