Vaishakh Masik Shivratri 2025: जानें कब है मासिक शिवरात्रि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
वैशाख मासिक शिवरात्रि 2025 इस बार 26 अप्रैल को है, जब कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पड़ेगी. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है. जानें पूरी पूजा विधि और इस दिन से जुड़ी खास बातें जो आपको सही समय पर भगवान शिव का आशीर्वाद दिला सकती हैं.

Vaishakh Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि का महत्व सनातन धर्म में बहुत खास है. यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, और इसे महादेव की आराधना का अहम दिन माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही, यह दिन खासतौर पर उन कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण होता है जो अपने जीवनसाथी के लिए यह व्रत करती हैं. 2025 में वैशाख मासिक शिवरात्रि का व्रत कब है, आइए जानते हैं.
वैशाख मासिक शिवरात्रि 2025 की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 अप्रैल 2025 को रात 8 बजकर 27 मिनट से होगा. वहीं, यह तिथि 27 अप्रैल 2025 को रात 4 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. चूंकि चतुर्दशी तिथि रातभर रहेगी, इसलिये मासिक शिवरात्रि का व्रत 26 अप्रैल को रात को किया जाएगा.
वैशाख मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा करने का सबसे शुभ समय रात 12 बजकर 3 मिनट से लेकर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्त भगवान शिव की पूजा और अभिषेक कर सकते हैं.
मासिक शिवरात्रि व्रत की विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन व्रति को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन विशेष रूप से रात के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा की शुरुआत शिवलिंग के अभिषेक से करें. सबसे पहले शिवलिंग को साफ पानी से धोएं, फिर दूध से अभिषेक करें और अंत में साफ जल से इसे धोकर फिर से पूजा करें. इसके बाद फूल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक जलाएं.
इसके बाद, अबीर, गुलाल, रोली, बिल्व पत्र, धतूरा आदि वस्तुएं एक-एक करके शिवलिंग पर चढ़ाएं. रात के तीनों प्रहरों में इस प्रकार की पूजा का क्रम जारी रखें. हर प्रहर में भोग अर्पित करें और अंत में आरती का आयोजन करें.
क्यों होती है मासिक शिवरात्रि की पूजा?
मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव के प्रति आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से मनुष्य के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है. खासकर उन कन्याओं के लिए यह व्रत बेहद फलदायी होता है, जो अपने लिए योग्य वर की प्राप्ति की इच्छा करती हैं.
मासिक शिवरात्रि का व्रत न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह व्यक्ति को मानसिक शांति, आत्मबल और आंतरिक संतुलन भी प्रदान करता है. इस दिन शिव भक्त अपने मन, वचन और शरीर से भगवान शिव की पूजा करते हैं, ताकि वे अपनी समस्त इच्छाओं को पूरा कर सकें और जीवन में सुख-शांति का अनुभव कर सकें.


