दीप्ति शर्मा की ऑलराउंड परफॉर्मेंस, शेफाली की तेज-तर्रार पारी...भारतीय महिला टीम ने दो दशकों का सूखा खत्म कर उठाई विश्वकप ट्रॉफी
भारत ने नवी मुंबई में इतिहास रचते हुए दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला महिला वनडे विश्व कप जीता. शेफाली वर्मा की शानदार 87 रन की पारी और दीप्ति शर्मा के पांच विकेटों ने टीम को जीत दिलाई. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने दो दशकों का इंतजार खत्म किया.

मुंबईः भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 2025 का साल स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार की रात भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला महिला वनडे विश्व कप जीत लिया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने वो कर दिखाया, जिसका इंतज़ार देश दो दशकों से कर रहा था.
वर्षों का इंतजार हुआ खत्म
2005 में सेंचुरियन में करेन रोल्टन के शतक से टूटी उम्मीदें हों या 2017 में लॉर्ड्स में आन्या श्रुबसोल की गेंदबाजी से बिखरे सपने भारतीय महिला टीम के लिए आईसीसी खिताब हमेशा हाथ से फिसल जाता था. लेकिन इस बार शेफाली वर्मा की दमदार बल्लेबाजी और दीप्ति शर्मा की शानदार गेंदबाजी ने सब कुछ बदल दिया. भारत ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की तिकड़ी में शामिल होकर पहली बार विश्व चैंपियन का ताज अपने नाम किया.
भावनाओं से भरी जीत
जैसे ही आखिरी विकेट गिरा स्टेडियम में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा. कप्तान हरमनप्रीत कौर की आंखों में आंसू थे, जो वर्षों के संघर्ष और अधूरे सपनों की गवाही दे रहे थे. दर्शक दीर्घा में मौजूद रोहित शर्मा ने भी खड़े होकर तालियां बजाईं. मानो 2023 के वर्ल्ड कप के दर्द को इस जीत ने धो दिया हो.
शेफाली-मंधाना की साझेदारी
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने चुनौतीपूर्ण पिच पर 7 विकेट पर 298 रन बनाए. स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने 17.4 ओवर में 104 रनों की ठोस ओपनिंग साझेदारी की. शेफाली ने 49 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा और वनडे विश्व कप इतिहास की सबसे कम उम्र की बल्लेबाज बनीं जिन्होंने 87 रनों की शानदार पारी खेली. मंधाना ने भी 45 रनों का योगदान दिया.
जेमिमा रोड्रिग्स (24) और हरमनप्रीत कौर (20) बड़ी पारी नहीं खेल सकीं, लेकिन दीप्ति शर्मा (58) और ऋचा घोष (34) ने अंत में स्कोर को 300 के करीब पहुंचाया. दक्षिण अफ्रीका के लिए अयोबोंगा खाका ने 3 विकेट लिए.
दीप्ति शर्मा ने पलटा मैच
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत धीमी रही. लॉरा वोल्वार्ड्ट (101) ने एक शानदार शतक लगाया, लेकिन बाकी बल्लेबाज टिक नहीं सकीं. अमनजोत कौर के डायरेक्ट हिट ने ताजमिन ब्रिट्स (23) को रन आउट किया, जबकि शेफाली वर्मा ने लुस और कैप को आउट कर भारत को बढ़त दिलाई.
दीप्ति शर्मा ने फिर कमाल दिखाया. उन्होंने लगातार विकेट लेते हुए 5 विकेट झटके और महिला विश्व कप फाइनल में पांच विकेट लेने वाली पहली स्पिनर बन गईं. उन्होंने क्लो ट्रायोन और नादिन डी क्लार्क जैसे खतरनाक खिलाड़ियों को भी आउट कर जीत सुनिश्चित की.
भारत की ऐतिहासिक जीत
दक्षिण अफ्रीका 246 रनों पर सिमट गई और भारत ने 52 रनों से जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया. स्टेडियम में भारत का झंडा लहराने लगा, खिलाड़ियों ने मैदान पर तिरंगे में लिपटकर जश्न मनाया. यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट में भारत के स्वर्ण युग की शुरुआत का प्रतीक बन गई.


