Ind vs SA 1st Test: ईडन गार्डन्स में टीम इंडिया के सामने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चैंपियन दक्षिण अफ्रीका की चुनौती
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता में पहला टेस्ट स्पिन मुकाबले का केंद्र बनेगा. न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली हार से सबक लेकर भारत तैयार है, जबकि दक्षिण अफ्रीका अपनी मजबूत स्पिन तिकड़ी के साथ चुनौती पेश करेगा. पिच और मौसम बैलेंस्ड खेल का संकेत देते हैं.

कोलकाताः दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में होने वाले पहले टेस्ट से पहले भारतीय टीम पूरी तरह तैयार है, लेकिन उन्हें यह अच्छी तरह पता है कि असली जंग कहां लड़ी जाएगी, स्पिन के खिलाफ धैर्य और तकनीक की. पिछले वर्ष न्यूजीलैंड में मिली 0-3 की शर्मनाक हार, जहां विपक्षी स्पिनरों ने 36 विकेट चटकाए थे, अभी भी भारतीय खेमे में चर्चा का विषय है. हालांकि वह दौर अब पीछे है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की बदली हुई रणनीति भारत के सामने नई चुनौती पेश कर सकती है.
दक्षिण अफ्रीका का नया रूप
पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ करने के बाद दक्षिण अफ्रीका का आत्मविश्वास चरम पर है. कप्तान टेम्बा बावुमा चोटिल होने के कारण सीरीज से बाहर हैं, फिर भी टीम का मनोबल ऊंचा है. केशव महाराज, साइमन हार्मर और सेनुरन मुथुसामी की स्पिन तिकड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ 39 में से 35 विकेट झटके. यह प्रदर्शन दर्शाता है कि पारंपरिक रूप से तेज़ गेंदबाज़ी पर निर्भर रहने वाली यह टीम अब नए अंदाज़ में भारत को चुनौती देने के लिए तैयार है.
भारतीय सहायक कोच रयान टेन डोएशेट ने भी माना कि दक्षिण अफ्रीका का यह बदलाव उपमहाद्वीपीय टीमों जैसा है. उन्होंने कहा कि टीम ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए तैयारी की है और उम्मीद है कि न्यूज़ीलैंड सीरीज़ से मिले सबक अब काम आएंगे.
स्पिन बैटरी की रीढ़
साइमन हार्मर वह गेंदबाज हैं जिन्होंने 2015 में पहली बार भारत दौरे पर आते ही पुजारा, रोहित और साहा को आउट कर अपनी क्षमता दिखा दी थी. अब वह 1000 से अधिक प्रथम श्रेणी विकेटों के साथ लौट रहे हैं. रावलपिंडी में आठ विकेट लेकर उन्होंने पाकिस्तान को परेशान भी किया था. केशव महाराज अपनी सटीक लाइन और लगातार दबाव बनाने की कला के कारण दक्षिण अफ्रीका के स्पिन आक्रमण का केंद्र हैं. मुथुसामी दूसरे छोर से स्थिरता देते हैं.
ईडन गार्डन्स की पिच
सौरव गांगुली के बतौर सीएबी अध्यक्ष पिच की बार-बार निरीक्षण से यह साफ हो चुका है कि विकेट तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल नहीं होगा. हालांकि पिछले 15 वर्षों में इस पिच पर 61 प्रतिशत विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए हैं, जिनमें शुरुआती सीम और बाद में रिवर्स स्विंग का बड़ा योगदान रहा है. यह आंकड़े जसप्रीत बुमराह को प्रोत्साहित करेंगे, जिन्होंने कोलकाता में हमेशा नई और पुरानी दोनों गेंदों से प्रभाव छोड़ा है. आकाश दीप स्थानीय परिस्थितियों को भली-भांति जानते हैं, इसलिए तीसरे तेज गेंदबाज की जगह के प्रबल दावेदार हैं.
टीम इंडिया के सामने चुनौतियां
शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड जैसे कठिन विदेशी दौरे पर लचीलापन दिखाया है. लेकिन घरेलू सरजमीं पर न्यूज़ीलैंड के सामने मिली हार अभी भी टीम की रणनीति को प्रभावित करती है. स्पिन के खिलाफ संयम, विकेटों के बीच दौड़ और बड़ी साझेदारियां ये सभी भारत की सफलता की कुंजी होंगी.
पंत की वापसी
ऋषभ पंत की फिटनेस टीम को मजबूती देगी, जबकि ध्रुव जुरेल मध्य क्रम को स्थिरता प्रदान कर सकते हैं. भारत के पास जडेजा, अक्षर, वाशिंगटन और कुलदीप जैसे चार विकल्प हैं, जो गेंदबाजी भी कर सकते हैं और बल्लेबाजी को गहराई भी देते हैं.
कोलकाता का मौसम
सुबह की हल्की नमी तेज गेंदबाजों को मदद दे सकती है. दोपहर तक पिच बैटिंग के लिए बेहतर होती जाएगी. तीसरे–चौथे दिन पिच से टर्न मिलने की संभावना है, जहां स्पिनरों की भूमिका अहम होगी. 14–18 नवंबर के बीच बारिश का खतरा नहीं है.
पहले टेस्ट की भविष्यवाणी
भारत के लिए स्पष्ट रणनीति है. पहली पारी में बड़ा स्कोर, नियंत्रित बल्लेबाज़ी और स्पिन के खिलाफ बेहतर शॉट चयन. दक्षिण अफ्रीका की स्पिन चुनौती कठिन है, लेकिन घरेलू परिस्थितियों में भारत के पास बढ़त है. सीरीज की शुरुआत मजबूत करना दोनों टीमों के लिए महत्वपूर्ण होगा.
भारत की संभावित एकादश: यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुबमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल, रवींद्र जड़ेजा, वाशिंगटन सुंदर, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, जसप्रित बुमरा
दक्षिण अफ्रीका की संभावित XI: एडेन मार्कराम, रयान रिकेल्टन, टोनी डी ज़ोरज़ी, टेम्बा बावुमा (कप्तान), डेवाल्ड ब्रेविस, काइल वेरेन (विकेटकीपर), मार्को जेन्सन, साइमन हार्मर, केशव महाराज, सेनुरन मुथुसामी, कैगिसो रबाडा


