भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका महिला विश्व कप फाइनल 2025, इतिहास लिखने को तैयार हरमनप्रीत की सेना
2025 महिला विश्व कप फाइनल में भारत और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने होंगे. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत तीसरी बार खिताबी जंग लड़ेगा. नवी मुंबई में होने वाला यह मैच सिर्फ ट्रॉफी की नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट की पहचान और विरासत बदलने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है.

मुंबईः 2005 में जब मिताली राज ने भारत को महिला विश्व कप फाइनल तक पहुंचाया था, तब बहुत कम लोगों को यह तक पता था कि दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट चल रहा है. उस दौर में देश की क्रिकेट चर्चाएं सिर्फ़ पुरुष टीम और ग्रेग चैपल विवाद तक सीमित थीं. महिला क्रिकेट दर्शकों और पहचान दोनों से दूर था. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. 2025 में भारत अपने तीसरे विश्व कप फाइनल में है. इस बार नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हर सीट भरी होगी.
पिछले दो फाइनल की कसक
2005 का फाइनल करेन रोल्टन के शतक से छिन गया, जबकि 2017 के लॉर्ड्स फाइनल में इंग्लैंड ने भारत के सपनों को तोड़ दिया. जीत बस कुछ रनों की दूरी पर थी. लेकिन फिर सब बिखर गया. मिताली राज की आँखों में दूसरी बार वही निराशा थी. 2022 के बाद उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा, लेकिन उनके अधूरे सपने ने एक नई पीढ़ी को जन्म दिया, हरमनप्रीत कौर की टीम.
हरमनप्रीत का मिशन 2025
अब जिम्मेदारी हरमनप्रीत कौर के कंधों पर है. यह संभवतः उनका आखिरी वनडे विश्व कप हो, लेकिन उनका जज्बा पहले जैसा ही है. 2009 के विश्व कप से शुरुआत करने वाली हरमन अब इतिहास रचने की दहलीज पर हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब आप विश्व कप फाइनल खेल रहे हों, उससे बड़ी प्रेरणा कुछ नहीं होती. टीम ने आलोचना, हार और दबाव के बीच खुद को संभाला है. ऑस्ट्रेलिया पर नवी मुंबई में मिली जेमिमा रोड्रिग्स के शतक वाली जीत सिर्फ मैच नहीं, एक संदेश थी. हम अभी खत्म नहीं हुए हैं.
बीस साल के इंतजार का अंत?
भारत 2005 के बाद से किसी भी वनडे विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को नहीं हरा पाया है. इस बार यह सिलसिला तोड़ने का मौका है. दक्षिण अफ्रीका अपने पहले विश्व कप फाइनल में उतरेगा, जबकि भारत के लिए यह इतिहास फिर से लिखने का अवसर है. दबाव दोनों पर है. पर घरेलू दर्शकों के सामने भारत के पास एक अरब दिलों की ताकत है.
दक्षिण अफ्रीका की चुनौती
दक्षिण अफ्रीका के लिए भी यह मुकाबला बेहद अहम है. यह उनका तीसरा लगातार आईसीसी फाइनल है. 2023 और 2024 में वे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से हार चुके हैं. अब लौरा वोल्वार्ड्ट की कप्तानी में उन्होंने शानदार वापसी की है. इंग्लैंड के खिलाफ 169 रनों की पारी और मारिजाने कप की 5 विकेट की बदौलत टीम फाइनल में पहुंची. वोल्वार्ड्ट का कहना है कि भारत पर भारी दबाव होगा. पूरा देश उनसे जीत की उम्मीद कर रहा है. लेकिन यही बयान भारतीय खेमे में जोश का कारण भी बन सकता है.
डीवाई पाटिल की पिच
नवी मुंबई की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग मानी जा रही है. औसत स्कोर 285 के आसपास रहने की उम्मीद है. यहाँ भारत पहले भी 340 रन बना चुका है, और इसी मैदान पर सेमीफ़ाइनल में सबसे बड़ा रन चेज़ हुआ था. यानी फाइनल में रनों की बारिश तय है.
संभावित टीम संयोजन
भारत: शैफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेटकीपर), अमनजोत कौर, राधा यादव, क्रांति गौड़, श्री चरणी, रेणुका सिंह ठाकुर.
दक्षिण अफ्रीका: लौरा वोल्वार्ड्ट (कप्तान), ताज़मिन ब्रिट्स, सुने लुस, एनेरी डर्कसेन, मारिज़ैन कप्प, सिनालो जाफ्ता (विकेटकीपर), क्लो ट्रायॉन, नादिन डी क्लर्क, मसाबाता क्लास, अयाबोंगा खाका, नॉनकुलुलेको म्लाबा.
2025 में बदलेगी महिला क्रिकेट की तस्वीर?
इस बार की कहानी सिर्फ ट्रॉफी जीतने की नहीं, बल्कि पहचान और विरासत की है. अगर भारत रविवार को जीतता है, तो यह सिर्फ एक कप नहीं होगा. यह उन पीढ़ियों के सपनों की जीत होगी जिन्होंने बिना शोर, बिना समर्थन के क्रिकेट खेलना शुरू किया था. 1983 ने पुरुष क्रिकेट को बदला था, अब 2025 महिला क्रिकेट को बदल सकता है.


