भारत की बल्लेबाज़ी बिखरी, ऋचा घोष ने लड़ा अकेले, साउथ अफ्रीका ने छीनी जीत
महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम को पहला झटका लगा. ऋचा घोष की 94 रन की पारी के बावजूद भारत को साउथ अफ्रीका ने 3 विकेट से हराया.

Sports News: भारत ने पहले बल्लेबाजी शुरू की लेकिन टीम लड़खड़ा गई. 102 रन तक 6 खिलाड़ी आउट हो चुके थे. स्मृति मंधाना सिर्फ 23 और कप्तान हरमनप्रीत कौर 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गईं. मध्यक्रम पूरी तरह नाकाम रहा, लेकिन ऋचा घोष डटी रहीं. उन्होंने 77 गेंदों में 94 रन ठोके. उनकी पारी में 8 चौके और 3 छक्के शामिल रहे. बाकी खिलाड़ी उनका साथ न दे पाए.
252 रन पर रुकी पारी
भारतीय टीम ने पूरे 50 ओवर खेले और 252 रन बनाए. ऋचा घोष के अलावा कोई बल्लेबाज खास योगदान नहीं कर सका. निचले क्रम ने कुछ रन जरूर जोड़े लेकिन स्कोर बड़ा नहीं हुआ. तीसरे विकेट के बाद लगातार खिलाड़ी जल्दी आउट होते रहे जिससे दबाव और बढ़ गया. टीम के बल्लेबाज साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने टिक ही नहीं पाए. यही वजह रही कि बड़ा स्कोर खड़ा करने का सपना अधूरा रह गया.
साउथ अफ्रीका की भी लड़खड़ाहट
लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की भी शुरुआत कमजोर रही. ताजमिन ब्रिट्स बिना खाता खोले आउट हो गईं. कई बल्लेबाज टिक नहीं पाए और भारत को उम्मीद जगा दी. पहले दस ओवरों में भारत की गेंदबाजों ने मैच पर पकड़ बनाने की पूरी कोशिश की. रेणुका ठाकुर और दीप्ति शर्मा ने शुरुआती झटके दिए. दर्शक भी मान बैठे थे कि भारत वापसी कर सकता है.
डी क्लर्क ने संभाली पारी
एक छोर पर नदिन डी क्लर्क जमी रहीं. उन्होंने धैर्य से खेलते हुए नाबाद 84 रन बनाए. उनके साथ मरिजाने कप ने 42 रन बनाकर टीम को संभाला और साझेदारी की. डी क्लर्क ने बाउंड्री और सिंगल का संतुलन बनाकर खेला. उनकी शांत बल्लेबाजी ने बाकी खिलाड़ियों को हिम्मत दी. मैदान में उनका आत्मविश्वास साउथ अफ्रीकी डगआउट को भी उत्साहित करता रहा.
ट्रायोन ने पलट दिया मैच
आखिरी ओवरों में क्लो ट्रायोन ने धमाकेदार बल्लेबाजी की. डी क्लर्क और ट्रायोन की 60 गेंदों पर 69 रन की साझेदारी ने भारत के हाथ से जीत छीन ली. ट्रायोन ने आते ही बड़े शॉट्स लगाकर रनगति तेज कर दी. भारत के गेंदबाज बाउंड्री रोक ही नहीं पाए. उनके एक-एक चौके ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया और भारत को बैकफुट पर धकेल दिया.
गेंदबाजी असरदार नहीं रही
भारत की ओर से दीप्ति शर्मा और रेणुका ठाकुर ने 2-2 विकेट लिए. लेकिन अंतिम ओवरों में गेंदबाज दबाव नहीं बना सके. नतीजा यह रहा कि साउथ अफ्रीका ने 48.5 ओवर में मैच जीत लिया. भारत की फील्डिंग में भी ढिलाई दिखी जिससे विपक्षी को मौके मिले. आखिरी ओवरों में कैच छूटे और रन रोकने में नाकामी रही. यही वजह रही कि जीती-जिताई बाज़ी हाथ से निकल गई.


