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लॉर्ड्स टेस्ट में करुण नायर का फ्लॉप शो, टीम संयोजन को लेकर गंभीर-गिल की रणनीति पर सवाल

करुण नायर की टेस्ट में वापसी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही. किसी स्पष्ट कमजोरी के अभाव के बावजूद रन नहीं बना पाने के कारण इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में उनकी जगह पर संशय बना हुआ है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

करुण नायर के लिए इंग्लैंड दौरा एक नई शुरुआत का मौका था. अपने टेस्ट करियर को दोबारा दिशा देने और पिछली कड़वी यादों को मिटाने का एक सुनहरा अवसर. 2018 के दौरे की टीस, जब उन्हें टीम में शामिल होने के बावजूद नजरअंदाज किया गया, अब भी दिल में थी. इस बार उम्मीद थी कि वे इस मंच पर खुद को साबित करेंगे, लेकिन चीज़ें उतनी आसान नहीं रहीं.

बड़ी पारी नहीं खेल सके नायर 

तीन टेस्ट मैचों में उन्होंने अपनी प्रतिभा की झलक तो दी, लेकिन कोई बड़ी पारी नहीं खेल सके. छह पारियों में उन्होंने 21.83 की औसत से 131 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 40 रहा. बल्ले से समर्पण दिखाने के बावजूद, न कोई अर्धशतक आया और न ही आत्मविश्वास से भरी निर्णायक पारी. आखिरी पारी में ब्रायडन कार्से की गेंद पर बिना शॉट खेले पगबाधा आउट होना, उनके संघर्ष को और गहरा कर गया.

ऐसे लम्हे एक वापसी कर रहे खिलाड़ी की परीक्षा लेते हैं. जब क्रिकेट के देवता मानो उसकी मानसिक शक्ति, आत्मबल और धैर्य को चुनौती दे रहे हों. करुण का आत्मविश्वास डगमगाया नहीं है. वह न तो घबराए दिखते हैं, न ही चिढ़े हुए. बल्लेबाजी के दौरान उनका शरीर-भाषा संतुलित रही, खासकर पहले दो टेस्ट की सपाट पिचों पर, जहां उन्होंने थोड़ी स्थिरता भी दिखाई. मगर कोई बड़ी पारी अब भी दूर की बात बनी हुई है.

करुण की 303 रनों की नाबाद पारी

करुण की 303 रनों की नाबाद पारी, जो उन्होंने 2016 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ खेली थी, आज भी उनका सबसे बड़ा दावा है. लेकिन वही पारी अब उनके करियर का दबाव बन गई है. पिछले दो घरेलू सीज़न में विदर्भ और नॉर्थम्पटनशायर के लिए अच्छे प्रदर्शन ने उन्हें फिर से टीम में जगह दिलाई, लेकिन जब वह इंग्लैंड लौटे, तो उन्हें उस तिहरे शतक की छाया से बाहर निकलने की ज़रूरत थी.

लीड्स में, जहां से उन्होंने वापसी की शुरुआत की, पहली ही गेंद पर शून्य पर आउट होना किसी भी खिलाड़ी के लिए झटका होता. हालांकि, बाद की पारियों में उन्होंने कुछ छोटे स्कोर ज़रूर बनाए, जैसे 20, 31, 26, 40, 14. पर अर्धशतक या शतक नहीं आ सका. वह एक निर्णायक पारी की तलाश में लगातार जूझते रहे हैं.

क्या करुण को एक और मौका मिलेगा?

लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन के बाद, भारत को जीत के लिए 135 रन और चाहिए और छह विकेट बाकी हैं. इसके बाद मैनचेस्टर में 23 जुलाई को चौथा टेस्ट खेला जाएगा. इस बीच, कप्तान शुभमन गिल और मेंटर गौतम गंभीर को तय करना होगा कि वे करुण के साथ आगे बढ़ते हैं या साई सुदर्शन को मौका देते हैं. यह रणनीतिक निर्णय करुण के भविष्य की दिशा तय कर सकता है.

हो सकता है कि करुण को बाहर बैठना पड़े, और यदि ऐसा हुआ, तो वह सबसे पहले इसे स्वीकार करेंगे. कभी-कभी खेल में सब कुछ आपके हिसाब से नहीं चलता. मगर जो बात मायने रखती है, वह यह कि करुण नायर अब भी हार नहीं माने हैं.

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14 July 2025, 03:58 PM IST

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