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'फन कुचलने का हुनर ​​सीखिए जनाब...', जब सिद्धू के सामने ही गंभीर ने ठोक दी उनकी शायरी, जानें कैसा था रिएक्शन

भारत ने देश के इतिहास में दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता. दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में जश्न के बीच, गंभीर और भारत के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक अनमोल पल सामने आया. सिद्धू ने जब गंभीर को भांगड़ा करने के लिए कहा तो टीम इंडिया के कोच ने मना कर दिया. हालांकि, गंभीार ने सिद्धू को निराश नहीं किया और एक शायरी सुनाई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

गौतम गंभीर ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में अपना पहला खिताब जीता. भारत ने ICC चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराया. टी20 विश्व कप 2024 जीत के बाद राहुल द्रविड़ की जगह लेने वाले गंभीर को कुछ नतीजों, खासकर टेस्ट क्रिकेट में खराब प्रदर्शन को लेकर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने आलोचकों को करारा जवाब दिया है. 

भारत ने देश के इतिहास में दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता. दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में जश्न के बीच, गंभीर और भारत के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के बीच एक अनमोल पल सामने आया. बता दें कि सिद्धू अपनी सायरी और शानदार कॉमेंट्री के लिए जाने जाते हैं. चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के बाद सिद्धू और गंभीर के बीच बातचीत हुई, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

गंभीर को दी भांगड़ा करने की चुनौती

गंभीर ने कहा, "फन कुचलने का हुनर ​​सीखिए जनाब...", इससे पहले कि सिद्धू इसे पूरा करते, गंभीर ने कहा, "सांपों के डर से जंगल नहीं छूटते." सिद्धू ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "उन्होंने मुझे जो शायरी सुनाने के लिए कहा था, उसमें बहुत कुछ कहने को है... गौतम गंभीर यहीं रहने वाले हैं. उन्हें और भारतीय क्रिकेट टीम को शुभकामनाएं. आपने भारत को गौरवान्वित किया भाई.

सिद्धू ने इसके बाद गंभीर को भांगड़ा करने की चुनौती भी दी, लेकिन भारतीय टीम के मुख्य कोच ने हिम्मत नहीं हारी. हालांकि बाद में गंभीर ने भांगड़ा करने का पोज़ दिया, लेकिन सिद्धू के बार-बार जोर देने के बावजूद उन्होंने डांस नहीं किया.

मैच के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी गंभीर की तारीफ की तथा उन्हें उस तरह से खेलने के लिए धन्यवाद दिया जैसा वह खेलना चाहते थे, साथ ही रोहित ने कहा कि उन्होंने टीम में माइंडसेट तैयार किया है.

गंभीर के बारे में क्या बोले रोहित?

कप्तान रोहित ने कहा था कि आक्रामक खेल मेरे लिए स्वाभाविक नहीं है, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो मैं वास्तव में करना चाहता था, जब आप कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे होते हैं तो आपको टीम के समर्थन की जरूरत होती है, आपको प्रबंधन के समर्थन की जरूरत होती है और उन्होंने मेरे साथ सही कहा. 

रोहित ने आगे कहा कि वनडे विश्व कप में भी राहुल भाई के साथ, मैंने उनसे यही बात की थी और वह इससे काफी सहमत थे और अब गौती भाई भी इससे सहमत हैं. यह टीम और प्रबंधन का समर्थन पाने के बारे में है. मैंने इन सभी वर्षों में एक अलग शैली में खेला है, लेकिन मैं कुछ अलग करने की कोशिश करना चाहता था, कोशिश करना और देखना चाहता था कि क्या हम अलग तरीके से खेल सकते हैं और वे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं जिनकी हमें तलाश थी.

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10 March 2025, 11:21 AM IST

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