फिर पाकिस्तान ने की घटिया हरकत, बैठाने में भी कर रहे कंजूसी, कैसी घटिया कुर्सियां लगा रहे स्टेडियम में!
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन के लिए पाकिस्तान क्रिकेट मैदानों की तैयारियों को लेकर आलोचनाओं का सामना करह रहा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने दावा किया था कि लाहौर के मैदान पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं और वहां की सीटिंग व्यवस्था को नया रूप दिया गया है. लेकिन हाल ही में कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें इन कुर्सियों को लगाया जा रहा था, लेकिन अब एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें इन कुर्सियों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन के लिए पाकिस्तान लंबे समय से आलोचनाओं का सामना कर रहा है. खासकर क्रिकेट मैदानों की तैयारियों को लेकर. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने दावा किया था कि लाहौर के मैदान पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं और वहां की सीटिंग व्यवस्था को नया रूप दिया गया है. हाल ही में कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें इन कुर्सियों को लगाया जा रहा था, लेकिन अब एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें इन कुर्सियों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं.
घटिया गुणवत्ता की कुर्सियां
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति, जिसे एक्सपर्ट के तौर पर पेश किया गया है, उसने दावा किया कि पुराने जमाने की फाइबर कुर्सियां बहुत बेहतर थीं, क्योंकि इन्हें 20-30 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि फाइबर कुर्सियों को आसानी से रिपेयर भी किया जा सकता था, जबकि नई कुर्सियां की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए. एक्सपर्ट का कहना था कि ये नई कुर्सियां घटिया गुणवत्ता की हैं और एक साल के भीतर ही ये चर्चा का विषय बन जाएंगी.
प्लास्टिक की कुर्सियों पर सवाल
वीडियो में एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि इन नई कुर्सियों का निर्माण प्लास्टिक से किया गया है, जो आसानी से टूट सकती हैं, खासकर अगर इन्हें जोर से हिलाया जाए. साथ ही, उन्होंने बताया कि इन कुर्सियों की मरम्मत भी नहीं की जा सकती. इसके अलावा, फाइबर कुर्सियों की रंगत चली जाए तो उसे हीट से ठीक किया जा सकता था, लेकिन ये प्लास्टिक कुर्सियां जल्दी खराब हो सकती हैं.
PCB को गंभीरता से विचार करने की जरूरत
हालांकि इन दावों की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन अगर ये आरोप सही हैं तो यह क्रिकेट की दुनिया के लिए एक शर्मनाक बात होगी. ऐसे में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इन आरोपों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करना चाहिए.


