'आपको यमुना मैया का श्राप लगा है...', इस्तीफा देने गईं आतिशी से बोले एलजी वीके सक्सेना?, कैसा था AAP नेता का रिएक्शन
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को एलजी वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हालांकि, नई सरकार के गठन तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करती रहेंगी. सबसे बड़ी बात है कि इस चुनाव में आतिशी AAP के उन गिने-चुने बड़े नेताओं में शामिल हैं, जो बीजेपी की आंधी में अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं.

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी पर एलजी वीके सक्सेना ने यमुना प्रदूषण को लेकर तंज कसा है. सूत्रों के मुताबिक, एलजी ने कहा कि आपको यमुना मैया का श्राप लगा है. सरकार को यमुना की सफाई के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए थे. आतिशी से मुलाकात के दौरान एलजी सक्सेना ने वायु प्रदूषण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कि एलजी सचिवालय ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए रचनात्मक कदम उठाने के लिए कई पत्र लिखे हैं.
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार के बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को एलजी वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. हालांकि, नई सरकार के गठन तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करती रहेंगी. सबसे बड़ी बात है कि इस चुनाव में आतिशी AAP के उन गिने-चुने बड़े नेताओं में शामिल हैं, जो बीजेपी की आंधी में अपनी सीट बचाने में सफल रहे हैं.
चुप हो गईं आतिशी
सूत्रों के मुताबिक एलजी सक्सेना ने आतिशी से यह भी कहा कि मैंने आपके बॉस अरविंद केजरीवाल को 'यमुना के श्राप' के बारे में चेतावनी दी थी क्योंकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से नदी को साफ करने की एक परियोजना को रुकवा दिया था. राजभवन के सूत्रों के मुताबिक, आतिशी ने एलजी की इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, वहीं जब इसको लेकर एलजी सचिवालय से संपर्क किया तो वहां से कोई जवाब नहीं मिला. राजभवन ने किसी बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले सितंबर 2024 में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद सीएम पद छोड़ दिया था. पार्टी ने आतिशी को नया मुख्यमंत्री बनाया था. अब चुनावी हार के बाद रविवार को आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
खुद को बताया था अस्थाई सीएम
आतिशी को जब दिल्ली का सीएम बनाया गया था तब वो भावुक हो गई थीं. 21 सितंबर 2024 की शाम को उन्होंने शपथ लेने के बाद कहा था कि मैंने आज CM के तौर पर शपथ जरूर ली है, लेकिन ये मेरे और हम सब के लिए भावुक क्षण है कि अरविंद केजरीवाल सीएम नहीं हैं. इस पूरे कार्यकाल में आतिशी ने खुद को अस्थाई सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया. यहां तक कि सीएम कार्यालय में भी एक कुर्सी केजरीवाल के लिए खाली रखकर पदभार संभाला था. केजरीवाल ने भी चुनाव प्रचार के दौरान साफ किया था कि दिल्ली में अगर AAP की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री वह खुद बनेंगे. आतिशी भी इस बात पर लगातार मुहर लगाती रहीं ताकि जनता के बीच साफ संदेश जाए.


