बेटे की मौत से टूटी मां ने उठाया खतरनाक कदम – क्या दर्द का यही था हल?
अजमेर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब एक मां अपने बेटे की मौत के सदमे में हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल से कूद गई. बेटे की असमय मौत ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने खुदकुशी करने की कोशिश की. अब वो गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. जानें पूरी कहानी और क्या है इस हादसे के पीछे का कारण.

Rajasthan: मां का प्यार अपने बच्चे के लिए अनमोल होता है. वह अपनी खुशियों को अपने बच्चों के आगे कुछ भी समझने को तैयार रहती है, लेकिन जब वही संतान अपनी मां से हमेशा के लिए दूर हो जाए तो उसका दिल टूट जाता है. राजस्थान के अजमेर में कुछ ऐसा ही हुआ. एक मां ने जब अपने बेटे की मौत की खबर सुनी तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और उसने खुदकुशी करने का खतरनाक कदम उठा लिया.
बेटे की मौत से टूट गई मां
अजमेर के कोतवाली इलाके में रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. रेखा लोहार नाम की 40 वर्षीय महिला, जो अपने बेटे की मौत से बुरी तरह टूट चुकी थी, ने हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की. रेखा के 18 साल के बेटे योगेश कुमार की हाल ही में एक हादसे में मौत हो गई थी, जिससे वह गहरे सदमे में थीं.
बेटे की बीमारी से बढ़ा तनाव
योगेश कुमार ने गुरुवार को गलती से कुछ दवाई खा ली थी, जिससे उसकी तबियत बिगड़ गई थी. चार दिनों तक उसका इलाज चलता रहा, लेकिन रविवार को उसकी दुखद मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर सुनकर रेखा मानसिक तौर पर बहुत कमजोर हो गईं और उसने ये खतरनाक कदम उठाया.
गंभीर रूप से घायल हुई मां
रेखा लोहार को हाथ, पैर और सिर में गंभीर चोटें आई हैं और अब उनका इलाज अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है. उनके परिवार को यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वह इतनी बड़ी घटना क्यों घटी. पुलिस के अनुसार रेखा का पति राकेश एक ड्राइवर हैं और उनका परिवार आम जिंदगी जीता था, लेकिन बेटे की मौत के बाद वह गहरे सदमे में थे.
पुलिस ने घटना की जांच शुरू की
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है. थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि रेखा ने खुदकुशी का प्रयास किया, लेकिन अब वह आईसीयू में भर्ती हैं और उनका इलाज किया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिवारवालों से बयान लिए जा रहे हैं.
यह दुखद घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि मां का दिल अपने बच्चों के बिना नहीं जी सकता. रेखा का यह कदम सिर्फ एक मां का दर्द था, जिसे वह अपने बेटे की मौत से नहीं झेल पाईं. परिवार को इस मुश्किल समय में साहस की आवश्यकता है ताकि वे इस दुख से उबर सकें.


