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नशा मुक्त पंजाब की ओर कदम, मजीठिया को 7 दिन की हिरासत में भेजा गया

AAP पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार द्वारा नशा-विरोधी अभियान में उठाए गए ठोस कदमों की सार्वजनिक प्रशंसा की है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार द्वारा नशा-विरोधी अभियान में उठाए गए ठोस कदमों की सार्वजनिक प्रशंसा की है. उन्होंने राज्य की विजिलेंस टीम के पूर्व अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को कोर्ट से 7 दिन की पुलिस रिमांड दिलाने को 'न्याय की दिशा में पहला मजबूत कदम' करार दिया.

न्याय की शुरुआत: तीन करोड़ लोगों का हक

अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में लगभग तीन करोड़ लोगों खासकर उन परिवारों को न्याय मिलना शुरू हो गया है, जिन्होंने नशे के चलते अपने प्रियजनों को खोया. यह सिर्फ एक नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं है, बल्कि उन करोड़ों परिवारों के सुख और आत्मसम्मान की लड़ाई है, जो पीड़ित स्थिति से जूझ रहे हैं.

540 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का खुलासा

उन्होंने विजिलेंस एफआईआर में मजीठिया से जुड़े वित्तीय भ्रष्टाचार की तहें खोलीं. इसमें कुल ₹540 करोड़ की 'बेहिसाब धनराशि' उजागर हुई है, जिसमें ₹161 करोड़ बिना दस्तावेज के खातों में जमा, जबकि ₹141 करोड़ शेल कंपनियों के माध्यम से भेजे गए थे. इसके अतिरिक्त जांच में यह पाया गया कि इस नकदी का इस्तेमाल कई सौ करोड़ की संपत्ति में किया गया, जिससे गंभीर सवाल उठते हैं कि यह धन अवैध गतिविधियों से आया था या नहीं.

शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग

अरोड़ा ने मजीठिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने बेहिसाब धन को शेल कंपनियों के जरिए वैध व्यवसायों में लगाया और सवाल पूछा कि इतने पैसे कहां से आए? क्या घर में पैसे छापने की मशीन है? उन्होंने बताया कि विसंगतियां 2007 से शुरू हुईं और अप्रैल–जुलाई 2009 तक चार कंपनियां बनाई गईं, जिनके तहत छह सहायक कंपनियों का जाल बनाया गया. इससे अवैध धन को वैध व्यवसाय के अड़ियल परिधि में लाया गया.

ड्रग मनी की पहचान और विपक्षी गठजोड़ पर प्रहार

अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल मजीठिया के खिलाफ नहीं, बल्कि ड्रग मनी को पहचान कर पंजाब की स्वच्छता अभियान की दिशा में बढ़ाया गया कदम है. उन्होंने विपक्षी दलों, विशेष रूप से भाजपा और अकाली दल पर आरोप लगाया कि वे मजीठिया जैसे नेताओं को संरक्षण देकर पंजाब को नशा मुक्त बनाने की लड़ाई को रोक रहे हैं.

2014 की ईडी जांच: भाजपा का राजनीतिक हस्तक्षेप

अरोड़ा ने मजीठिया के खिलाफ 2014 में शुरू हुई ईडी जांच का जिक्र किया और कहा कि तत्कालीन उप निदेशक निरंजन सिंह को अचानक तबादला कर जांच रुकवा दी गई. 

2021 की FIR: चुनावी नौटंकी मात्र

उन्होंने 2021 में पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा दर्ज की गई FIR को चयनित चुनावी अभियान बताते हुए कहा कि यह एक वास्तविक कार्रवाई नहीं थी, बल्कि सिर्फ लोकतांत्रिक नुमाइश थी.

7 दिन की रिमांड: जड़ों तक पहुंचने का संकेत

AAP नेता ने कहा कि विजिलेंस ने अदालत में विस्तृत वित्तीय साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिससे 7 दिन की रिमांड सुनिश्चित हो पाई. उन्होंने इसे केवल मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं, बल्कि पंजाब के उन संरचित तंत्र को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया जो नशा व्यापार में लिप्त रहा.

कृत्रिम राजनीति नहीं, दृढ़ संकल्प है रास्ता

अरोड़ा ने अरविंद केजरीवाल की सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा जताते हुए कहा कि चाहे कोई भी “राजनीतिक स्थिति” वाला व्यक्ति हो, वह कानून के दायरे से बाहर नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद पंजाब को “नशा मुक्त” बनाना और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाना है.

नशा-मुक्त पंजाब का सपना

अरोड़ा ने विजिलेंस और पंजाब पुलिस की कार्रवाई की व्यापक सराहना की. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक मिशन की जीत है. पंजाब को नशे से मुक्त करने की दिशा में निर्णायक जीत. अमन अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि सरकार का संदेश है: “हम किसी को भी बख्शेंगे नहीं, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, राजनीतिक हो या गैर-राजनीतिक.” यह कदम युवा पीढ़ी, उनके परिवारों और एक नशाहीन पंजाब की ओर बढ़ा हुआ पहला निर्णायक कदम है.

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26 June 2025, 09:33 PM IST

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