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Bihar Election : सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में खींचतान शुरू, 25 सीटों की मांग कर रही VIP... लेफ्ट ने भी रखी अपनी डिमांड

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में INDIA गठबंधन के तहत सीट बंटवारे की बातचीत निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है. आरजेडी, वीआईपी, सीपीआई(एमएल) और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच गहन वार्ता चल रही है. वीआईपी 25 सीटों की मांग पर अड़ी है, जबकि सीपीआई(एमएल) 30 सीटों की दावेदारी कर रही है. गठबंधन की कोशिश जीत के समीकरण को मजबूत करने की है, ताकि सभी दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिल सके.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Bihar Assembly Election 2025 : INDIA गठबंधन के तहत बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है. प्रमुख सहयोगी दलों के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है और अब यह कवायद अंतिम निर्णय की ओर बढ़ रही है. विशेष रूप से आरजेडी, वीआईपी, सीपीआई(एमएल) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीच गहन बातचीत चल रही है, जिसमें प्रत्येक सीट का समीकरण बारीकी से देखा जा रहा है.

RJD -वीआईपी में सीटों को लेकर खींचतान

आपको बता दें कि आरजेडी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत निर्णायक चरण में है. सूत्रों की मानें तो आरजेडी ने वीआईपी को पहले से बेहतर प्रस्ताव देते हुए लगभग 18 सीटें देने की पेशकश की है. हालांकि, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी इससे संतुष्ट नहीं हैं और वे 25 सीटों की मांग कर रहे हैं, जिसे वे व्यावहारिक और राजनीतिक रूप से उचित मानते हैं.

मुख्य फोकस मिथिला और तिरहुत डिवीजन पर 
हालांकि, इन बैठकों का मुख्य फोकस मिथिला और तिरहुत डिवीजन पर है, जहां वीआईपी का प्रभाव परंपरागत रूप से मजबूत रहा है. इसी के मद्देनजर मुकेश सहनी खुद तेजस्वी यादव से सीधी बातचीत कर रहे हैं ताकि अपनी पार्टी के हितों को सुरक्षित किया जा सके.

सीपीआई(ML)-RJD के बीच भी समीकरण तैयार
सीपीआई(एमएल) और आरजेडी के बीच भी सीटों को लेकर दो दौर की मैराथन बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों में उम्मीदवारों की जीत की संभावना, पिछले प्रदर्शन और संगठनात्मक ताकत को ध्यान में रखते हुए फॉर्मूला तय करने की कोशिश हो रही है.
सीपीआई(एमएल) इस बार लगभग 30 सीटों पर दावेदारी कर रही है, जिनमें से कुछ वे सीटें भी हैं जहां पहले आरजेडी के उम्मीदवार खड़े होते थे. आरजेडी ने ऐसी कुछ सीटों को पुनर्विचार के लिए चिन्हित भी किया है, खासकर वे जो पिछले चुनाव में हार गई थीं. सीपीआई(एमएल) का तर्क है कि 2020 में उन्होंने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इस बार बढ़ी हुई लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें ज्यादा हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.

झारखंड मुक्ति मोर्चा को पहली बार मौका
इस बार बिहार की राजनीति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को भी महागठबंधन में जगह दी जा रही है. यह पहला मौका होगा जब JMM, RJD के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगा. हालांकि, JMM को जो भी सीटें दी जाएंगी, वह आरजेडी के कोटे से ही आएंगी. जैसे ही अन्य प्रमुख दलों – कांग्रेस, वीआईपी और सीपीआई(एमएल) के बीच सहमति बन जाएगी, वैसे ही JMM की हिस्सेदारी भी सार्वजनिक कर दी जाएगी.

जीत की रणनीति को प्राथमिकता
INDIA गठबंधन इस बार सीटों के बंटवारे में केवल राजनीतिक भागीदारी नहीं, बल्कि जीत की रणनीति को प्राथमिकता दे रहा है. हर सीट का विश्लेषण स्थानीय स्तर पर प्रभाव, सामाजिक समीकरण और पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया जा रहा है. इसका उद्देश्य न केवल सभी सहयोगियों को उचित प्रतिनिधित्व देना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि चुनाव परिणामों में गठबंधन को स्पष्ट बढ़त मिले.

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08 October 2025, 03:33 PM IST

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