AAP सरकार की पहल का कमाल, संत सीचेवाल के मिशन से बुड्ढा दरिया फिर हुआ जिंदा, गंदगी के बीच अब बह रहा स्वच्छ जल
पंजाब का बुड्ढा दरिया, जो लंबे समय से प्रदूषण का प्रतीक बन गया था, अब संत बलबीर सिंह सीचेवाल और स्थानीय संगत के प्रयासों से नई जिंदगी पा रहा है. एक साल की मेहनत से नदी के कई हिस्सों में साफ पानी बहने लगा, नावें चलने लगीं और जलचर जीवन लौट आया.

पंजाब : लुधियाना का पवित्र बुड्ढा दरिया, जो वर्षों से गंदगी और बदबू का पर्याय बन चुका था, अब अपनी नई छवि से लोगों को चकित कर रहा है. राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि स्थानीय संगत के सहयोग से केवल एक वर्ष में नदी के बड़े हिस्से को इतना स्वच्छ बनाया गया है कि जहां कभी खड़ा होना मुश्किल था, वहां अब किश्तियाँ चल रही हैं और जलचर जीव वापस लौट रहे हैं. यह रूपांतरण दिखाता है कि जब जनसमर्थन और ईमानदार प्रयास मिलते हैं, तो प्रकृति अपने आप को पुनर्जीवित कर लेती है.
किनारों की हरियाली और साफ बहता पानी
जनता का अभियान, बिना भ्रष्टाचार
बुड्ढा दरिया की सफाई किसी सरकारी ठेका मॉडल पर आधारित नहीं थी. संत सीचेवाल ने स्पष्ट कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में न तो किसी बड़े बजट की मांग की गई और न ही किसी तरह की ठेकेदारी को जगह दी गई. हजारों स्वयंसेवकों ने कचरा हटाया, किनारों को साफ किया और पौधे लगाए. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी की नीति ही जनता को केंद्र में रखकर काम करना है, और इस अभियान ने उसे जमीन पर साबित कर दिया.
“सालों बाद नदी ने फिर से जीवन पाया”
नदी के आसपास रहने वाले नागरिक इस परिवर्तन से अत्यंत खुश हैं. जगरांव रोड के गुरमीत सिंह का कहना है कि वह दुर्गंध से परेशान थे, लेकिन अब हवा में ताजगी महसूस होती है. शेरपुर की बुजुर्ग प्रकाश कौर ने भावुक होकर कहा कि बचपन में जिस नदी में वह नहाती थीं, वही नदी अब फिर से जीवित हो रही है. उनके अनुसार यह बदलाव संत सीचेवाल के समर्पण और सरकार के सहयोग का संयुक्त परिणाम है.
“जलचर जीवन की वापसी से गुणवत्ता में बड़ा सुधार”
पर्यावरण विज्ञान के विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पहल पंजाब के लिए ऐतिहासिक है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत सिंह ने कहा कि जलचर जीवों और पक्षियों की वापसी इस बात का प्रमाण है कि पानी की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार हुआ है. उनका कहना है कि यदि यही प्रयास जारी रहे तो आने वाले वर्षों में बुड्ढा दरिया एक बार फिर पूर्णत: स्वस्थ नदी के रूप में स्थापित हो सकता है.
“जब नेतृत्व ईमानदार हो, तो असंभव...
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि संत सीचेवाल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जो योगदान दिया है, वह अद्वितीय है. उन्होंने बताया कि सरकार ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की और जीरो डिस्चार्ज नीति लागू की, जिससे नदी की सफाई को मजबूत आधार मिला है. मान साहब के अनुसार यह उदाहरण पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बन सकता है.
संत सीचेवाल की अपील: “नदी को फिर कभी गंदा न होने दें”
संत सीचेवाल ने कहा कि यह यात्रा अभी पूरी नहीं हुई है; आगे भी बहुत काम बाकी है. उन्होंने पंजाबवासियों से अपील की कि वे नदी को दोबारा प्रदूषित न होने दें और इसमें प्लास्टिक या कचरा न डालें. उनका मानना है कि समाज, सरकार और संगत यदि एक साथ प्रयास करें तो कोई भी पर्यावरण मिशन कठिन नहीं रहता. बुड्ढा दरिया का पुनर्जीवन इसी विचार का जीवंत प्रमाण है.


