शशि थरूर-कांग्रेस के बीच कुछ भी नहीं है ठीक! राहुल गांधी के साथ इस व्यवहार ने खड़े किए सवाल
कांग्रेस पार्टी में तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है. एक बार फिर पार्टी की बैठक में वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर शामिल नहीं हुए. राहुल गांधी की अध्यक्षता में यह बैठक बेहद ही महत्वपूर्ण थी.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. शुक्रवार (12 दिसंबर) को राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई लोकसभा सांसदों की महत्वपूर्ण बैठक में थरूर तीसरी बार लगातार अनुपस्थित रहे. पार्टी के भीतर उनकी बार-बार गैरमौजूदगी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
बैठक में शामिल नहीं होने का कारण
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, थरूर ने पहले ही अनुपस्थिति की सूचना दे दी थी, लेकिन मुख्य सचेतक को इसका सटीक कारण नहीं पता. उसी दिन शाम को वे कोलकाता में प्रभा खैतान फाउंडेशन के एक साहित्यिक कार्यक्रम में शामिल हुए. माना जा रहा है कि उनको दिल्ली लौटने का समय नहीं मिल पाया. चंडीगढ़ सांसद मनीष तिवारी भी इस बैठक से दूर रहे.
पहले भी दो बार रहे गायब
30 नवंबर को कांग्रेस की रणनीति समिति की बैठक में भी थरूर नहीं आए थे. तब उन्होंने कहा था कि वे केरल से दिल्ली आ रही फ्लाइट में थे. इससे पहले विशेष गहन संशोधन (SIR) पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में भी वे खराब स्वास्थ्य और अपनी 90 वर्षीय मां के साथ यात्रा का हवाला देकर नहीं पहुंचे थे. ये लगातार तीसरी अनुपस्थिति पार्टी के भीतर चर्चा का विषय बन गई है.
थरूर की गैरमौजूदगी से कांग्रेस नेता नाराज
कांग्रेस के कई नेता थरूर की गैरमौजूदगी से नाराज हैं. हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में हुए राजकीय भोज में थरूर एकमात्र कांग्रेस सांसद थे जिन्हें न्योता मिला था. इस घटना ने पार्टी के अंदर अच्छी खासी नाराजगी पैदा की थी. प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी इशारों में कहा था कि “कुछ खेल चल रहे हैं जिनका हिस्सा हमें नहीं बनना चाहिए.”
कांग्रेस आलाकमान ने साधी चुप्पी
राहुल गांधी और कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक थरूर की अनुपस्थिति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. पार्टी के अंदर यह सवाल उठ रहा है कि क्या थरूर जानबूझकर महत्वपूर्ण बैठकों से दूरी बना रहे हैं या यह महज संयोग है. थरूर की लगातार अनुपस्थिति ने कांग्रेस के भीतर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. आने वाले दिनों में देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस मामले में कोई कदम उठाता है या नहीं.


