Video: कांवड़िये के पैर दबाती दिखीं महिला पुलिस अफसर, अखिलेश यादव ने की तारीफ
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की सीओ ऋषिका सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक महिला कांवड़िये के पैर दबाती नजर आ रही हैं. इस मानवीय सेवा भाव पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है और इसे सराहनीय बताया है.

Akhilesh Yadav praised Rishika Singh: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में तैनात महिला पुलिस अधिकारी ऋषिका सिंह का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह ड्यूटी के दौरान एक महिला कांवड़िए के पैर दबाती नजर आ रही हैं. यह दृश्य इंटरनेट पर लोगों का ध्यान खींच रहा है और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.
अखिलेश यादव ने इस वीडियो को लेकर अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट किया और लिखा, "सेवा का भाव अच्छा है अगर उसके पीछे का भाव अच्छा है." उन्होंने महिला अधिकारी के इस कार्य को मानवता की सच्ची सेवा करार दिया. ऋषिका सिंह वर्तमान में मुजफ्फरनगर में सीओ के पद पर तैनात हैं और कांवड़ यात्रा के दौरान ड्यूटी निभा रही हैं.
सेवा का भाव अच्छा है अगर उसके पीछे का भाव अच्छा है। pic.twitter.com/SarHjnRZ8w
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2025
वायरल वीडियो में दिखा मानवीय चेहरा
वीडियो में देखा जा सकता है कि सीओ ऋषिका सिंह ड्यूटी वर्दी में एक महिला श्रद्धालु के पैरों को दबा रही हैं. इस व्यवहारिक और संवेदनशील कदम ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया है. ऋषिका सिंह का यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा और प्रबंधन में पुलिस प्रशासन की बड़ी भूमिका होती है.
कांवड़ियों के प्रति संवेदना से प्रेरित था निर्णय
इस पूरे मामले में खुद सीओ ऋषिका सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया, "मुजफ्फरनगर से बड़ी संख्या में कांवड़िये गुजरते हैं. मैं शामली बॉर्डर के पास रात में ड्यूटी कर रही थी. वहां भीड़ काफी अधिक थी. मैंने देखा कि श्रद्धालु लंबी दूरी तय कर रहे हैं, तो मन में ख्याल आया कि उन्हें जरूर शारीरिक तकलीफ होती होगी." उन्होंने आगे बताया, "कुछ महिला कांवड़ियों से बात की तो उन्होंने भी यही कहा. इसके बाद मैंने जो मुझे उचित लगा, वो किया."
प्रशासनिक निर्देशों के अनुरूप कर रही सेवा
सीओ ऋषिका सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा भी अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे ड्यूटी के साथ-साथ श्रद्धालुओं की मदद करें और उन्हें सहयोग दें. "हमारे एडीजी, डीआईजी और एसएसपी सर यही चाहते हैं कि हम ड्यूटी के साथ मानवता की सेवा भी करें."
उन्होंने कहा, "जब हम खाकी पहनते हैं, तो जाति या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं करते. हमारे लिए मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है. मुझे अच्छा लगता है जब मैं लोगों की मदद कर पाती हूं. यही मेरे लिए सबसे जरूरी है."


