अखिलेश यादव का मास्टरस्ट्रोक! पीडीए को संगठन में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है. आगरा की सभी इकाइयों को भंग कर नई रणनीति की शुरुआत की गई है. अखिलेश यादव अब पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग पर फोकस कर रहे हैं, जिससे बीजेपी भी चौंक गई है.

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिली है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा संगठनात्मक फैसला लिया है. पार्टी ने आगरा जिले और महानगर की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है. इस निर्णय में जिला और महानगर कमेटियों के अलावा सभी प्रकोष्ठों की इकाइयां भी शामिल हैं.
सपा के इस कदम को पार्टी की नई रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. पार्टी अब अपनी नई कार्यकारिणी में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग के कार्यकर्ताओं की भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में बढ़ रही है. यह वही पीडीए फॉर्मूला है, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लंबे समय से आगे बढ़ा रहे हैं. खासकर 2019 के बाद से यह वर्ग पार्टी की प्राथमिकता बना हुआ है.
भाजपा को भी सोचने पर मजबूर किया
सपा की इस नई पहल से भाजपा भी हैरान नजर आ रही है. अब तक बीजेपी सपा की सांगठनिक नियुक्तियों पर सवाल उठाती रही है, लेकिन अब जब सपा ने खुलकर पीडीए वर्ग को आगे लाने की रणनीति अपनाई है, तो बीजेपी को भी अपने संगठनात्मक समीकरणों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है.
कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह
प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने स्पष्ट किया है कि नई कार्यकारिणी में अनुभवी और जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रमुखता दी जाएगी. इसके अलावा युवाओं को भी संगठन में अहम भूमिका सौंपी जाएगी, जिससे संगठन में नई ऊर्जा का संचार होगा. आगरा जिले के कार्यकर्ताओं में इस निर्णय के बाद काफी उत्साह देखा जा रहा है. विशेषकर पीडीए वर्ग के कार्यकर्ताओं को अब नई जिम्मेदारियों की उम्मीद है.
आगरा बना नई योजना का केंद्र
आगरा जिले में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय की बड़ी आबादी है, जिससे यह क्षेत्र सपा के लिए रणनीतिक रूप से अहम है. 2027 के चुनाव में पार्टी इस वर्ग के नेताओं को संगठन में लाकर जमीनी मजबूती हासिल करना चाहती है. यही नहीं, पार्टी युवाओं के जोश और उनके विचारों को भी अपने पक्ष में मोड़ना चाहती है, ताकि आगामी चुनावों में निर्णायक बढ़त हासिल की जा सके.


